भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज राज्य के विभिन्न गांवों के निवासियों और जनप्रतिनिधियों से चर्चा के दौरान हिदायत देते हुए कहा कि वे कोरोना को अपने गांवों में घुसने नहीं दें और इसके लिए मास्क लगाने के साथ ही पूरी गाइडलाइन का पालन करें।
चौहान ने यहां वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए राज्य के सरपंचों और श्रमिकों से चर्चा की। श्री चौहान ने इसके साथ ही श्रम सिद्धि अभियान की शुरूआत की। उन्होंने अपने संबोधन में बार बार कोरोना का जिक्र किया और कहा कि इसका सभी को मिलजुलकर मुकाबला करना है। गांव में सभी लोग मास्क लगाएं। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और यदि किसी भी व्यक्ति को इस बीमारी के कोई लक्षण नजर आएं, तो तुरंत प्रशासन तथा चिकित्सकों की मदद ली जाए।
मुख्यमंत्री ने अपने विशेष अंदाज में सरपंच, श्रमिकों और महिलाओं से बातचीत की और उनके सुझाव तथा समस्याएं भी सुनीं। चौहान ने कहा कि कोरोना के संकटकाल में बाहर से गांवों में कई श्रमिक भी आए हैं। वे संकटकाल में कहीं और नहीं जा सकते हैं, इसलिए उनके साथ मानवीय व्यवहार कर उन्हें क्वारंटाइन किया जाए और उनके स्वास्थ्य तथा जरुरतों का भी पूरा ध्यान रखा जाए। चौहान ने कहा कि हमें कोरोना को गांवों में घुसने नहीं देना है। यदि कोई इससे पीडित भी हो जाता है, तो उसका तत्काल इलाज कराया जाए। शुरूआत में इलाज से व्यक्ति जल्दी ठीक हो जाता है। श्री चौहान ने अशोकनगर, भिंड, श्योपुर, आगरमालवा और अन्य जिलों के सरपंचों, जनप्रतिनिधियों और श्रमिकों से मनरेगा के क्रियान्वयन के संबंध में भी चर्चा कर जानकारी हासिल की।
चौहान ने बताया कि श्रम सिद्धि अभियान के तहत श्रमिकों का विभिन्न श्रेणियों में पंजीयन किया जाएगा और उन्हें उसके अनुरूप रोजगार मुहैया कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण आर्थिक गतिविधियां लगभग ठप होने से सरकार के पास भी पैसे की तंगी है, लेकिन गरीबों और श्रमिकों के लिए धन की कमी नहीं आने दी जाएगी। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार भी मनरेगा के तहत रोजगार मुहैया कराने पैसा दे रही है। सभी श्रमिक इसका लाभ उठाएं और गांवों में बेहतर गुणवत्ता के साथ ऐसे कार्य किए जाएं, जो गांवों के लिए उपयोगी हों। चौहान ने कहा कि इन कार्यों के माध्यम से गांवों में गौशालाओं का निर्माण भी किया जा सकता है। अन्य कार्य भी रचनात्मक होंगे तो इसका सभी को लाभ मिल सकता है।