भोपाल. मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य विभाग  कोरोना  के संदिग्ध मरीज़ों के साथ सख्ती के मूड में आ गया है. उसने प्रदेश के सभी चीफ मेडिकल ऑफिसर्स  को निर्देश दिया है कि वो संदिग्ध मरीज़ों के साथ सख्ती से पेश आए. उन्हें क्वारेंटीन  करने में कोई कोताही नहीं बरती जाए. सरकार की जो भी गाइड लाइन हैं उनके मुताबिक काम किया जाए. अगर लोग नहीं मानें तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए. विभाग ने तमाम केस स्टडी का हवाला देते हुए चेताया है कि क्वारेंटीन का पालन न करने के कारण कोरोना फैल रहा है.

मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिला सीएमएचओ को आदेश जारी किया है कि संदिग्ध मरीज़ों को क्वारेंटीन और होम आईसोलेट रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाए.सख्ती से कोरोना की तमाम गाइनलाइनों का पालन कराया जाए. इसके लिए सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क सहित आईसोलेशन के सारे नियमों का पालन करने की लगातार हिदायत दी जाए.अगर संदिग्ध मरीज़ नियमों का पालन नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ कानून कार्रवाई की जाए. ऐसे लोगों पर जुर्माना भी ठोका जा सकता है.


कोरोना का इंफेक्शन प्रदेश भर में लोगों को कैसे अपनी चपेट में ले रहा है, ये बताने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जिलों की केस स्टडी की फाइल तैयार की है.इस फाइल में कोरोना फैलने का सबसे बड़ा कारण यही बताया गया है कि मरीज़ क्वारेंटीन और होम आईसोलेशन का सख्ती से पालन नहीं कर रहे हैं.स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिला सीएमएचओ और सिविल सर्जन को ऐसे केस की फाइल भेजी है, जिसमें आधा दर्जन जिलों में संदिग्धों का क्वारेंटीन और होम आईसोलेशन को लेकर लापरवाही बरतने के कारण ज़िले में संक्रमण फैला.

नीमच में डॉक्टर की लापरवाही ने 11 लोगों को संक्रमित कर दिया. यहां एक डॉक्टर के पिता में कोरोना के लक्षण दिखाई दिए थे. उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया.जांच के दौरान पिता की रिपोर्ट पॉजिविट आई जिसके बाद डॉक्टर भी संदिग्ध माने गए लेकिन इस दौरान डॉक्टर ने नीमच में अपनी ओपीडी लगातार जारी रखी.लापरवाही का नतीजा ये रहा कि 11 प्राइमरी कांटेक्ट वाले लोगों में कोरोना फैल गया.रिपोर्ट में डॉक्टर के परिवार के सदस्य, स्टाफ नर्स और घरेलू नौकर की रिपोर्ट पॉजीटिव आई.


स्वास्थ्य विभाग की पड़ताल में ये बात सामने आई है कि बुरहानपुर जिले में ज्यादातर संक्रमण 2 मरीजों के जरिए फैला. इसमें क्वॉरेंटीन और होम आइसोलेशन में हुई लापरवाही की वजह से बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हुए.पहले मामले में बुरहानपुर जिले में 47 साल के व्यक्ति को लक्षण देखते हुए कोरोना का संदिग्ध माना गया.कॉन्टेक्ट हिस्ट्री तलाशने पर पता चला कि उनका बेटा कुछ दिन पहले पुणे से अपने घर लौटा है. लेकिन लौटने के बाद बेटे ने होम आइसोलेशन के नियमों का पालन नहीं किया.बेटे ने लोगों.थ मिलना जुलना जारी रखा. परिणाम ये हुआ कि बेटे के साथ ही और 10 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई. दूसरे मामले में स्थानीय नेता की गलती लोगों पर भारी पड़ी. सऊदी अरब से वापस लौटे नेता में कोरोना संक्रमण के लक्षण थे. उनका सैंपल लिया गया और जांच रिपोर्ट आने तक नेता सहित परिवार वालों को क्वारेंटीइन रहने के लिए कहा गया. लेकिन किसी ने भी इसका पालन नहीं किया.नतीजा ये हुआ जांच के दौरान उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई.इन नेताजी की लापरवाही शहर को इतनी भारी पड़ी कि इनके संपर्क में आए हुए कुल 30 लोग पॉजिटिव मिले.

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