भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना के आफ्टर इफेक्ट्स का अध्ययन कर जनता को शिक्षित और सूचित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए। चौहान ने आज यहां मंत्रालय में कोरोना की राज्य में स्थिति के संबंध में समीक्षा बैठक में ये निर्देश  दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य  विभाग अन्य चिकित्सा संस्थानों के विशेषज्ञों के परामर्श से इसकी पहल करें। उन्होंने कहा कि कोरोना पॉजिटिव रहे रोगी की रिपोर्ट जब निगेटिव आती है तब उसे विभिन्न भ्रांतियों के कारण खानपान और स्वास्थ्य रक्षा से जुड़ी आवश्यक सावधानियों का ध्यान रखने के संबंध में वैज्ञानिक आधार पर जानकारियां प्राप्त होना चाहिए। प्रदेश में 8 दिसम्बर को 1497 केस रिकवर हुए हैं। नए प्रकरण की संख्या 1,345 है।  

यह घट रहा है। बैठक में बताया गया कि प्रदेश के लगभग सभी जिलों में कोरोना रोगियों की संख्या में कमी आयी है। कुछ दिन पूर्व तक जो पॉजिटिविटी रेट 5.4 था अब वो 4.5 है। इसी तरह ग्रोथ रेट में भी कमी आयी है। इस सप्ताह प्रतिदिन पॉजीटिव रोगियों की औसत दर 500 है, विगत सप्ताह यह 570 थी। अस्पतालों में बेड का उपयोग भी कम हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब कोरोना ने पैर फैलाना शुरू किया तब मार्च अंतिम सप्ताह से मध्यप्रदेश सरकार ने तत्परता से सभी व्यवस्थाएं की।  

मध्यप्रदेश इस वायरस को नियंत्रित करने और रोगियों को बेहतर उपचार देने में आगे रहा। अब मध्यप्रदेश स्वास्थ्य शिक्षा के क्षेत्र में भी मॉडल बन सकता है। वर्तमान में बहुत से नागरिक कोरोना के दुष्प्रभाव को लेकर चिंतित है। चौहान ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग एक अभियान संचालित कर लोगों को जन शिक्षा दे सकता है। उन्होंने कहा कि इसमें डायबिटीज या अन्य रोगियों को कोरोना पॉजिटिव होने पर किन बातों  का ध्यान रखना होगा, डिस्चार्ज हो चुके  रोगियों को खानपान के स्तर पर  किन बातों का पालन करना है और क्या स्वस्थ हो चुके रोगी किसी तरह की मानसिक समस्या से प्रभावित तो नहीं हैं, इन समग्र बातों का अध्ययन कर आमजन को जानकारी दी जाए।  

अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि एम्स में आफ्टर केयर वार्ड तैयार किया गया है। प्रदेश में करीब 2 लाख नागरिक कोरोना होने के बाद स्वस्थ हुए हैं। चौहान ने आज की बैठक में भोपाल, इंदौर के अलावा सागर, रतलाम, शिवपुरी आदि की पृथक समीक्षा कर उपचार और रोगियों की देखरेख के प्रयासों की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने डिंडोरी और अन्य जनजातीय क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य जागरूकता अभियान संचालित करने के निर्देश दिए।  

उन्होंने कुपोषण की स्थिति के निराकरण के लिए विभिन्न विभागों के प्रयासों को बढ़ाने के निर्देश दिए। चौहान ने कहा कि सभी प्रभारी अधिकारी अपने दायित्व के निर्धारित जिलों  में कोरोना की स्थिति की जानकारी नियमित रूप से लें। रोगियों को बेड और ऑक्सीजन आदि की कमी न हो। यह सुनिश्चित करें। प्रतिदिन स्वास्थ्य स्वास्थ्य विभाग के अमले से भी संपर्क रखें। कमिश्नर ग्वालियर ने बताया नागरिकों को मास्क का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया गया है।    

रोको-टोको अभियान से लोगों को समझाइश दी गई है। करीब 2 लाख स्टीकर वितरित किए गए। योग के अभ्यास और भाप लेने की समझाइश भी दी गई। इसके साथ ही विद्यार्थियों से स्वास्थ्य जागरूकता पर निबंध भी लिखवाए गए। अभियान के नतीजे अच्छे रहे हैं। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस भी उपस्थित थे।  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *