इंदौर। मध्यप्रदेश में एक ओर जहां कई सरकारी अधिकारी, कर्मचारी कोरोना की ड्यूटी से बचने की कोशिश में है वहीं ज्यूडिशियल व एडमिनिस्ट्रेशन में पदस्थ एक नवयुगल ने अपनी शादी की तारीख को इसलिए स्थगित कर दिया क्योंकि पहले कोरोना को हराना है। इंदौर की न्यायाधीश बेटी और मध्यप्रदेश के चंबल संभाग के श्योपुर में पदस्थ अनुविभागीय अधिकारी राजस्व (एसडीएम) ने अपने दोनों परिवारों की सहमति से यह अनुकरणीय निर्णय लिया और एसडीएम ने तो शादी के लिए ली गई छुट्टी भी कोरोना की ड्यूटी के लिए कैंसल करा ली।

इंदौर निवासी ईओडब्ल्यू के विशेष लोक अभियोजक अश्लेष शर्मा की पुत्री हर्षिता शर्मा न्यायाधीश है और वर्तमान में देवास जिले की बागली न्यायालय में पदस्थ है। वे इंदौर भी पदस्थ रही है। उनका विवाह मूल रूप से शिवपुरी जिले के कोलारस में रहने वाले वर्तमान में श्योपुर जिले के विजयपुर में पदस्थ अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) त्रिलोचन गौड़ से गत दिसम्बर में ही विवाह तय हो गया था और आगामी 4 मई को शादी होने वाली थी।

विशेष लोक अभियोजक अश्लेष शर्मा ने बताया कि शादी के लिए सारी तैयारियां हो गई थी, यहां तक कि इंदौर में मैरिज गार्डन से लेकर हलवाई, बैंड, डीजे आदि की बुकिंग हो गई थी। शादी की तैयारियों के लिए एसडीएम गौड़ ने तीन माह पहले ही 30 दिन का अवकाश भी स्वीकृत करा लिया था, लेकिन अचानक कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण देश मे लॉक डाउन हुआ और श्योपुर में भी कुछ पॉजिटिव केस मिलने से वहाँ भी सतर्कता रखी जा रही है।

इसके चलते कोरोना की ड्यूटी को देखते हुए एसडीएम त्रिलोचन गौड व न्यायाधीश हर्षिता ने आपस मे तय किया कि पहले इस कोरोना को हराया जाए, इसके बाद शादी करेंगे। इसके लिए इन्होंने बकायदा अपने परिवार के सदस्यों से भी चर्चा की और सभी की सहमति के बाद आखिरकार शादी की तारीख स्थगित कर दी गई।

न्यायाधीश हर्षिता ने कहा कि हमारे निर्णय में दोनों परिवार भी सहमत हुए। अब हम शादी तभी करेंगे जब कोरोना वायरस से लोगों को मुक्ति मिल जाएगी। त्रिलोचन का कहना है कि कोरोना बीमारी से लोग डरे हुए हैं। ऐसे में लोगों की सुरक्षा जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को छोड़कर शादी कैसे कर सकता था। जब तक स्थितियां सामान्य नहीं हो जातीं, तब तक हमने शादी स्थगित कर दी है और शादी के लिए ली गई छुट्टी भी निरस्त करा ली हैं।

कल मंगलवार को ही एसडीएम गौड़ ने पूर्व से स्वीकृत एक माह की छुट्टियों को रद्द करने का पत्र श्योपुर कलेक्टर प्रतिभा पाल को भेजा, जिसे कलेक्टर ने स्वीकृत भी कर लिया।

न्यायाधीश हर्षिता व एसडीएम गौड के जज्बे की सभी ने भूरि-भूरि प्रशंसा की है। दोनों अधिकारियों ने देश जनसेवा के लिए अपनी शादी को महत्व न देते हुए आमजन की चिंता करने का निर्णय लिया। काश सभी अधिकारी कर्मचारियों में भ्ज्ञी यही जज्बा हो।

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