ग्वालियर। मध्यप्रदेश के भिण्ड जिले में जय किसान ऋण माफी योजना में जिलेभर के 46 हजार 434 किसानों के फार्म जमा नहीं हो पाए। इस पर सहकारिता और सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने नाराजगी जाहिर की है। मंत्री ने कल कलेक्ट्रेट में योजना की समीक्षा में सहकारिता उपायुक्त बबलू सतनकर को चेतावनी देते हुए कहा 2 दिन में आप पूरा काम करें, नहीं तो निलंबित कर दिया जाएगा। मंत्री ने कहा दतिया छोटा जिला है, वहां 40 हजार फार्म जमा हो गए। भिण्ड जिले में सिर्फ 24 हजार 655 किसानों के फार्म जमा हुए हैं। 26 जनवरी को सभी पंचायतों की ग्राम सभा में ऋण माफी योजना से लाभान्वित किसानों के नामों का वाचन होना है। कलेक्टर छोटे सिंह ने मंत्री डॉ सिंह को भरोसा दिलाया अब रात-दिन काम कराएंगे। बैठक में जिला पंचायत सीईओ अनूप सिंह, संयुक्त कलेक्टर श्यामेंद्र जायसवाल, जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष राजाबाबू सेंगर मौजूद रहे।
मंत्री डॉ सिंह ने सहकारिता उपायुक्त बबलू सतनकर से कहा कि आप क्या कर रहे हो डीआर ऑफिस में। आपने कितने दौरे किए। कितनी मीटिंग की? कलेक्टर छोटे सिंह ने कहा इन्होंने नहीं किए सर। मंत्री ने कहा कि काम पूरा नहीं करें तो इन्हें सस्पेंड कर दें। कलेक्टर ने सहकारिता उपायुक्त से कहा मैंने पहले ही दिन से कहा था आप निरीक्षण करते रहें। मंत्री ने कहा आप 2 दिन का इन्हें समय दो। दो दिन में काम नहीं करें तो बता देना। इन्हें सस्पेंड कर अटैच कर लेंगे। कॉपरेटिव जिम्मेदारी हमारी है। हमारे ऊपर बात आएगी। बैंक मजबूत करना हमारा जिम्मा है। सब काम बंद कर दो। ऋण मुक्ति पर लगा दो। एक भी कर्मचारी बैठा नहीं मिलेगा। हमने रौन में लहार, मिहोना में पूछा तो कोई गया ही नहीं। सोसाइटी पर ड्यूटी लग गई है। ब्रांच मैनेजर कहां-कहां गए, किसी के पास जवाब नहीं है।
सहकारिता मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने कहा जय किसान ऋण माफी योजना से सहकारी बैंकों को 30 लाख 15 हजार किसानों को 16 हजार 661 करोड की ऋण मुक्ति होना है। मंत्री ने कहा कि अलग-अलग स्थानों पर हर जिले में भाजपा के कार्यकाल में पिछले 15 साल में जो भ्रष्टाचार के प्रकरण सामने आ रहे हैं। कई किसानों की आपत्ति सामने आ रही है कि ऋण नहीं लिया है। उन पर 2-2 लाख लोन है। मंत्री ने कहा कि स्पेशल ऑर्डर कराएंगे। फर्जी ऋण और भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारी, कर्मचारी, भाजपा के कोपरेटिव अध्यक्ष, संचालकों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। इनसे वसूली करेंगे। प्रदेश में कितना घोटाला हुआ यह ऋण मुक्ति के फार्म भरने से स्पष्ट हो जाएगा।
बैठक में पूर्व जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष राजाबाबू सेंगर ने कहा कि भाजपा सरकार में जिले में समर्थन मूल्य पर खरीदी में 2 हजार क्विंटल सरसों, 1 हजार क्विंटल गेहूं का गोलमाल किया गया है। उन्होंने कहा कि इसमें नागरिक आपूर्ति निगम, फूड और सोसायिटियों के अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं। मंत्री डॉ सिंह ने कलेक्टर को निर्देशित किया कि ऋण माफी योजना को पूरा करने के बाद इस मामलें में कार्रवाई करें। मंत्री ने कहा कि दोषियों को जब तक दंडित नहीं कराएंगे चुप नहीं बैठेंगे।
मंत्री ने कहा जिले में 168 सोसायटी हैं। प्रत्येक सोसायटी में क्षतिपूर्ति के लिए प्रतिवर्ष 1 लाख के हिसाब से दो साल का इकट्ठे 2-2 लाख आए थे। चुनाव के समय वह पैसा निकालकर खर्च किया गया। फर्जी बिल सड़क पर मिट्टी डालने आदि के लगाए गए। मंत्री ने कलेक्टर से कहा कि आप जांच कीजिए। अगर कोई सोसायटी मिट्टी का काम कराना बताए तो उससे पूछें, ठेका किसे दिया। मजदूर कौन थे। पूरा घोटाला खुल जाएगा। उन्होंने कहा कि पूरे जिले में घोटाला किया है। लहार में यह लोग नहीं कर पाए थे।
मंत्री डॉ सिंह ने कहा भिण्ड की जिला सहकारी बैंक मध्यप्रदेश में पहले या दूसरे नंबर की बैंक थी। आज यह हालत है भिण्ड बैंक प्रदेश की सबसे खराब 4 बैंक में शामिल है। हम मंत्री हैं। हमारा विभाग है। हम क्या जवाब देंगे प्रदेश को? कलेक्टर ने कहा हमने समीक्षा की तो उसी दिन मुझे दिख गया था। मंत्री ने कहा जिला सहकारी बैंक में 55 फीसदी इनबैलेंस है। पूर्व जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष राजाबाबू सेंगर ने कहा 120 करोड रुपए तो मालूम ही नहीं कहां हैं।
जिला सहकारी बैंक भिण्ड के अध्यक्ष केपी सिंह भदौरिया ने बताया कि ऐसा नहीं है कि बैंक में रकम का रिकॉर्ड नहीं है। पिछली बार वसूली नहीं हुई। संभाग में सिर्फ भिण्ड की बैंक जिंदा है। मुरैना, ग्वालियर और शिवपुरी बैंक की हालत तो और ज्यादा खराब है। पिछले साल कर्ज माफी का शिगूफा छोड दिया तो लोगों ने कर्ज जमा नहीं किया।

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