भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने आज कहा कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा तीन नए कृषि कानून लागू किए गए हैं, जो किसान विरोधी हैं। आठ दिसंबर को इन कानूनों के विरोध में ‘भारत बंद’ आह्वान का प्रदेश कांग्रेस भी समर्थन करती है।   

कमलनाथ ने यहां जारी एक बयान में कहा कि कोरोना की इस भीषण महामारी के दौरान इन कानूनों को किसानों और विपक्षी दलों से चर्चा किए बगैर लागू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि देश के तमाम किसान संगठन 11 दिनों से दिल्ली की सीमा पर अपने परिवारों के साथ कड़ाके की ठंड में बैठकर इन कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार संवेदनशीलता का परिचय नहीं दे रही है।   

कमलनाथ ने कहा कि इन काले कानूनों के विरोध में किसान संगठनों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है और कांग्रेस ने भी देशभर में इस बंद को अपना समर्थन दिया है। इसी के मद्देनजर मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी भी मध्यप्रदेश में किसानों के आव्हान पर हो रहे इस बंद को अपना पूर्ण समर्थन देती है।  

कमलनाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश की सभी जिला इकाइयों को निर्देश दिए गए हैं कि वह बंद के समर्थन में जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर किसानों की मांगों का ज्ञापन दें। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सदैव किसानों के साथ खड़ी है। इस बीच प्रदेश पुलिस प्रशासन ने भी मंगलवार को भारत बंद के आह्वान के मद्देनजर सुरक्षा संबंधी ऐहतियाती उपाय किए हैं। राजधानी भोपाल की सीमाओं पर तलाशी के लिए विशेष चौकियां बनायी गयी हैं और वाहनों की तलाशी जा रही है। 

  शहर में भी संवेदनशील इलाकों में चेकिंग प्वाइंट बनाए गए हैं। इसके अलावा खासतौर से देश के उत्तरी हिस्से को जोड़ने वाले राज्य के जिलों की सीमाओं पर विशेष चौकसी और निगरानी रखी जा रही है। ग्वालियर चंबल अंचल में विशेष निगरानी रखी जा रही है। प्रदेश पुलिस मुख्यालय ने भी सभी पुलिस अधीक्षकों को अपने अपने जिलों में भारत बंद के मद्देनजर विशेष ऐहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं। पुलिस मुख्यालय भी स्थिति पर नजर रखे हुए है। 

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