श्योपुर ! मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में कुपोषण की जद में आए बच्चों को पुलिस की मदद से पोषण पुनर्वास केंद्रों (एनआरसी) तक लाया जा रहा है, क्योंकि रोज कमाने-खाने की जद्दोजहद से गुजरने वाले परिजन बच्चों को एनआरसी लाने को तैयार नहीं हो रहे। श्योपुर जिला इन दिनों कुपोषण के चलते हो रही बच्चों की मौत को लेकर चर्चाओं में है। इतना ही नहीं, बड़ी संख्या में अब भी बच्चे कुपोषण के चलते बीमार हैं। इन पीडि़त बच्चों की गंभीर स्थिति को देखते हुए एनआरसी लाया गया। वहीं कई परिवार ऐसे है जो अपने बच्चों को इन केंद्रों तक लाने को तैयार नहीं है।सूत्रों का कहना है कि अति कुपोषित बच्चे अब भी कई गांव में हैं, मगर उनके परिजन बच्चों के एनआरसी तक नहीं ला रहे हैं। इसकी वजह माता-पिता का नियमित रूप से मजदूरी पर जाना है। अगर वे बच्चों को इन केंद्रों तक लाते हैं तो उनका रोजगार छिन जाएगा। महिला बाल विकास विभाग के कर्मचारियों ने अति कुपोषित बच्चों को केंद्र तक ले जाने का परिजनों को परामर्श दिया तो वे इसके लिए राजी नहीं हुए। तब उन्होंने इसके लिए पुलिस की मदद ली। पुलिस परिजनों को डराती है और बच्चों को केंद्र तक लाने के लिए उन्हें राजी करती है।
श्योपुर के पुलिस अधीक्षक एस.के. पांडे ने चर्चा करते हुए बताया कि रविवार को पातालगढ़ से तीन कुपोषित बच्चों को पुलिस एनआरसी तक लाई है, इससे पहले भी कई कुपोषित बच्चों को पुलिस की मदद से केंद्रों तक लाया गया है।

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