लाबरिया (धार)। राशन कार्ड में कुत्ते का नाम जोड़कर राशन लेने के मामले का पर्दाफाश होने के बाद सरकारी विभागों में हड़कंप मच गया है। मंगलवार को खाद्य विभाग की टीम राशन कार्डधारी नरसिंह पिता बोंदर (60) को तलाशने ग्राम पंचायत बोडिया के गुलरीपाड़ा फलिए पहुंची, लेकिन वह नहीं मिला। जल्द उसका बयान लिया जाएगा।पता लगा है कि 10 साल कुत्ते के नाम से राशन लिया गया। कुत्ते के नाम से समग्र आईडी भी बना हुआ है।
खाद्य निरीक्षक अनुराग वर्मा ने जनपद पंचायत सरदारपुर के सीईओ को राशन कार्ड से कुत्ते का नाम तत्काल हटाने के लिए पत्र लिखा है। गौरतलब है कि नईदुनिया ने 25 सितंबर को इस बारे में समाचार प्रकाशित किया है। अनुराग वर्मा और आदिम जाति सेवा सहकारी समिति लाबरिया के सेल्समैन कै लाश मारू ग्राम गुलरीपाड़ा पहुंचे थे। नईदुनिया ने नरसिंह के परिजनों से चर्चा की, तो उन्होंने स्वीकार किया कि वे पालतू कुत्ते को बेटे जैसा रखते थे। कुत्ते की दो माह पहले मौत हो चुकी है। कुत्ते राजू का समग्र आईडी भी बन गया है। यानी तब भी किसी तरह की पड़ताल नहीं की गई।
ये था मामला
आपको बता दें कि ग्राम गुलरी पाड़ा में राजू नामक कुत्ते के नाम पर राशन कार्ड बनाने का मामला उजागर हुआ। इसके बाद राजू नाम से समग्र आईडी भी बना दिया गया। यह परिवार गरीबी से ऊपर वाली श्रेणी में आता है। कुत्ते का नाम जुड़वाने से परिवार को प्रतिमाह 4 किलो गेहूं और 1 किलो चावल मिलता था। आदिवासी परिवार का एपीएल कार्ड होने के बावजूद उसे अनाज व केरोसिन आदि की सुविधा प्राप्त हो रही है। जबकि सामान्य एपीएल कार्ड पर कोई सामान नहीं मिलता है।