ग्वालियर । कलेक्टर राहुल जैन ने कहा है कि सरकार द्वारा किसानों को राहत पहुँचाने के लिये फुल प्रूफ फसल बीमा योजना लागू की गई है। किसान भाई इस योजना के अंतर्गत 16 अगस्त 2017 तक अपनी फसलों का बीमा करा सकते हैं। श्री जैन ने कहा कि इसके व्यापक प्रचार-प्रसार कर अधिकाधिक किसानों को इस योजना से जोड़ने की जरूरत है। उन्होंने यह बात कलेक्ट्रेट सभागार में आत्मा परियोजना और फसल बीमा योजना की समीक्षा बैठक के दौरान कही।
बैठक में उपसंचालक कृषि बड़ोनिया, उपसंचालक पशुपालन डॉ. ओ पी त्रिपाठी, आत्मा परियोजना के प्रभावी अधिकारी शर्मा सहित उद्यानिकी विभाग के अधिकारी और मैदानी कर्मी उपस्थित थे।
कलेक्टर राहुल जैन ने कहा कि अब किसान भाई मात्र दो प्रतिशत प्रीमियम जमा कर नुकसान होने पर उसकी भरपाई पा सकेंगे। इसके लिये भारत सरकार द्वारा एक फसल बीमा योजना लागू की गई है। इस योजना के तहत किसानों को न केवल प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान बल्कि फसल की बुवाई, रोपाई व अंकुरण न होने या खड़ी फसल में सूखा, बाढ़, जल प्लावन, कीटव्याधि, भूस्खलन, प्राकृतिक आगजनी, बिजली गिरना, ओलावृष्टि, चक्रवात, आंधी, बवंडर से भी अगर फसल को नुकसान होता है तो उन्हें बीमा कंपनी द्वारा बीमा राशि उपलब्ध कराई जायेगी। इसके साथ ही फसल कटने के 14 दिन बाद तक अगर खेत में कटी हुई या खलियान में रखी हुई फसल को चक्रवात या बेमौसम वर्षा के कारण क्षति होती है तो उसकी क्षतिपूर्ति भी बीमा कंपनी को करनी होगी। उन्होंने कहा कि अऋणी कृषकों को इस योजना से जोड़ने के लिये कृषि, राजस्व और ग्रामीण विकास विभाग का अमला संयुक्त प्रयास करे। इस काम के लिये जिले में पदस्थ 103 ग्रामीण कृषि विकास विस्तार अधिकारियों और 315 कृषक मित्र व दीदी को दायित्व सौंपा गया है।
जैन ने कहा कि इस योजना के तहत खरीफ मौसम की फसलों के लिये किसानों को बीमित राशि का दो प्रतिशत प्रीमियम जमा करना होगा। इस नाम मात्र की राशि जमा करके किसान भाई अपने नुकसान की शत प्रतिशत क्षतिपूर्ति प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि अऋणी कृषक ग्राम स्तर पर स्थित सीएससी सेंटर के माध्यम से भी अपनी फसलों का बीमा करा सकते हैं। इसके लिये ग्वालियर जिले में 26 केन्द्र बनाये गये हैं।
कलेक्टर जैन ने कहा कि योजना सफलता के लिये आवश्यक है कि इसका व्यापक प्रचार-प्रसार ग्रामीण क्षेत्रों में किया जाए। कृषि, सहकारिता, उद्यानिकी, पशुपालन, बैंक व ग्रामीण विकास विभाग इसका व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित कराए। उन्होंने सभी सहकारी संस्थाओं और बैंकों में योजनाओं के मुख्य बिंदुओं वाले बैनर व होर्डिंग लगाने के निर्देश भी दिए।
बैठक में एचडीएफसी बैंक के प्रतिनिधियों ने बताया कि खरीफ फसल के अंतर्गत ऋण लेने की अवधि एवं अऋणी किसानों से प्रस्ताव प्राप्त करने की अंतिम तिथि 16 अगस्त निर्धारित की गई है।
उन्होंने बताया कि अऋणी कृषकों को बीमा कराने के लिये भू अधिकार पुस्तिका, सक्षम अधिकारी द्वारा बुवाई प्रमाण-पत्र, पूरी तरह भरा हुआ प्रस्ताव फार्म, बैंक अकाउण्ट की समस्त जानकारियाँ और पहचान पत्र के रूप में फोटो आईडी, आधारकार्ड, राशनकार्ड, पैनकार्ड आदि दस्तावेज प्रस्तुत करना होंगे।
ग्वालियर जिले के लिये अधिसूचित फसलें
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत खरीफ फसलों के रूप में धान, बाजरा, ज्वार, सोयाबीन, तिल, उड़द और मूँग को अधिसूचित फसलें घोषित किया गया है।
फसल बीमा के लिये आवश्यक दस्तावेज
फसल बीमा का लाभ उठाने के लिये किसान भाई को निम्न दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। फसल बुवाई प्रमाण-पत्र, भू-अधिकार व ऋण पुस्तिका की छायाप्रति, पहचान पत्र की छायाप्रति, बैंक पासबुक की छायाप्रति, आधारकार्ड या आधार नम्बर की आवश्यकता होती है।
हैल्पलाईन नम्बर से प्राप्त हो सकती है जानकारी
कृषकों की मदद के लिये हैल्पलाईन नम्बर और टोल फ्री नम्बर भी निर्धारित किए गए हैं। किसान भाई हैल्पलाईन नम्बर 7974153678 और 9926202828 पर संपर्क कर सकते हैं या टोल फ्री नम्बर 18002660700 पर भी संपर्क किया जा सकता है।