भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ओला प्रभावित किसानों से अपील की है कि वे संकट के समय किसी प्रकार की चिंता नहीं करें। फसल नुकसान की पूरी भरपाई कर दी जायेगी। उन्होंने प्रभावित किसानों के नाम जारी अपील में कहा कि जब असमय फसल को नुकसान होता है तो जीवन प्रभावित होता है। बच्चों का भविष्य प्रभावित होता है, लेकिन चिंता करने और शोक मनाने की जरूरत नहीं है। राहत की राशि और फसल बीमा की राशि मिलाकर फसल नुकसान की पूरी भरपाई कर दी जायेगी। संकट के समय सरकार हर पल किसानों के साथ है। किसानों को किसी प्रकार का कष्ट नहीं उठाने देंगे। किसान भाई अपने चेहरों पर उदासी नहीं लायें। उन्हें दुखी होने की जरूरत नहीं है।
श्री चौहान ने कहा कि ओलावृष्टि से हुए फसलों के नुकसान का पारदर्शिता के साथ पूरा आकलन किया जायेगा। नुकसान के आकलन के लिये सर्वेक्षण दल बनाये जा रहे हैं और नुकसान के आकलन को पंचायतों में चस्पा करने की कार्यवाही शीघ्र शुरू की जाएगी। यदि आकलन पर किसी को आपत्ति होती है तो तत्काल सुधार भी किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पूरी सरकार किसानों के साथ है। किसान को नुकसान नहीं उठाने देंगे। मुख्यमंत्री ने निवास पर उच्च-स्तरीय आपात बैठक बुलाकर ओला प्रभावित क्षेत्रों में हुए फसल नुकसान की जानकारी ली।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार 13 जिलों के 621 गाँवों में ओला-वृष्टि से नुकसान हुआ है। भोपाल संभाग में भोपाल, विदिशा, सीहोर जिलों में ज्यादा नुकसान हुआ है। सिवनी, छिंदवाडा, बालाघाट, देवास एवं होशंगाबाद जिलों में भी ज्यादा नुकसान की जानकारी है। लगभग 27 हजार हेक्टेयर क्षेत्र ओला-वृष्टि से प्रभावित हुआ है। मुख्यमंत्री ने पटवारी, ग्राम सेवक, कृषि विभाग के मैदानी अमले और जन-प्रतिनिधियों का दल बनाकर तत्काल फसल नुकसान का सर्वे कार्य शुरू करने के निर्देश दिये हैं।
बैठक में मुख्य सचिव बी. पी. सिंह, अपर मुख्य सचिव वित्त ए.पी. श्रीवास्तव, कृषि उत्पादन आयुक्त पी.सी. मीना, प्रमुख सचिव कृषि राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव राजस्व अरूण पांडे, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव अशोक बर्णवाल और एस.के. मिश्रा सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।