भोपाल ! मध्यप्रदेश सरकार ने बिजली टेरिफ में वृद्धि के भार से किसानों को बचाने के लिये वर्ष 2015-16 में 5500 करोड़ की सब्सिडी देने का निर्णय लिया गया। इससे करीब साढ़े 18 लाख किसानों को फायदा होगा। अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के लिए इस वर्ष विद्युत वितरण कम्पनियों को 300 करोड़ की सब्सिडी दी जायेगी। इस तरह इस वर्ष कुल सब्सिडी राशि 5800 करोड़ होगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री डॉॅ. नरोत्तम मिश्रा ने यह जानकारी दी। उन्होंने पत्रकारों को बताया, कि बैठक में एक हेक्टेयर तक की भूमि वाले 5 हार्स पावर तक के अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कृषि उपभोक्ताओं को नि:शुल्क बिजली देने का भी निर्णय लिया। इससे करीब साढ़े चार लाख किसान लाभान्वित होंगे।
उन्होंने बताया, कि 30 यूनिट तक की मासिक खपत वाले घरेलू उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 90 पैसे की सब्सिडी जारी रखने का निर्णय लिया। स्थायी कनेक्शन वाले कृषि उपभोक्ताओं से प्रति हार्स पावर प्रतिवर्ष 1200 रुपये की दर से विद्युत बिल लिये जाने का निर्णय लिया गया। विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित दर तथा कृषि उपभोक्ता द्वारा देय दर में अंतर की राशि का पूरा भार राज्य शासन वहन करेगा। अस्थायी कनेक्शन वाले कृषि उपभोक्ताओं को एक रुपये 75 पैसे प्रति यूनिट की दर से सब्सिडी दी जायेगी।
डॉ. मिश्रा ने बताया, कि स्थायी तथा अस्थायी दोनों श्रेणी के कृषि उपभोक्ताओं के लिये ईंधन लागत समायोजन का पूरा भार राज्य सरकार वहन करेगी। इसके बदले में सब्सिडी दी जायेगी। नगरपालिका तथा नगर पंचायत की निम्न दाब सडक़ बत्ती योजनाओं के लिये नियत प्रभार पर 95 रुपये प्रति किलोवाट प्रतिमाह सब्सिडी देने का निर्णय लिया। उच्च दाब उदवहन समूह सिंचाई योजनाओं को वार्षिक न्यूनतम प्रभार से छूट देने का निर्णय भी लिया गया। ऊर्जा प्रभार में भी 190 पैसे प्रति यूनिट सब्सिडी दी जायेगी।
उन्होंने बताया, कि गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले अनुसूचित जाति एवं जनजाति के एकल बत्ती उपभोक्ताओं को प्रतिमाह 25 यूनिट तक की बिजली नि:शुल्क देने का निर्णय लिया है। इसी तरह 25 हार्स पावर तक के पावरलूम उपभोक्ताओं को वास्तविक खपत के आधार पर बिजली बिल जारी करने का निर्णय लिया। उन उपभोक्ताओं को ऊर्जा प्रभार में एक रुपये 25 पैसे प्रति यूनिट सब्सिडी भी दी जायेगी।