ग्वालियर । किसानों को उपज की बिक्री एवं भुगतान में कोई परेशानी नहीं हो। उन्हें 50 हजार रूपये तक का नगद भुगतान सुनिश्चित किया जाये। यह निर्देश कलेक्टर राहुल जैन ने अंतरविभागीय समन्वय बैठक में भावान्तर भुगतान योजना की समीक्षा के दौरान संबंधित अधिकारियों को दिए।
सोमवार को यहाँ कलेक्ट्रेट के सभागार में आयोजित हुई बैठक में कलेक्टर ने निर्देश दिये कि कृषि उपज मण्डियों का सघन निरीक्षण करें और यह सुनिश्चित करें कि किसानों को सही मूल्य और भावांतर योजना का लाभ मिले। उन्हें नगद भुगतान में कोई दिक्कत नहीं हो। कलेक्टर ने कहा कि नगदी की कोई कमी नहीं है। किसानों को 50 हजार रूपये तक का नगद तथा शेष आरटीजीएस के माध्यम से भुगतान किया जाये। इसमें किसी भी तरह का चार्ज नहीं लगता है।
कलेक्टर जैन ने कहा कि राज्य शासन ने स्पष्ट कर दिया है कि बैंक खाते से नगद निकासी में व्यापारी पर निकासी की सीमा का कोई प्रतिबंध नहीं है। किसी भी मण्डी व्यापारी द्वारा 50 हजार रूपये तक के दिनभर में कितने भी किसानों को नगद भुगतान किया जा सकता है। किसान को भी 50 हजार रूपये तक नगद प्राप्त करने में कोई आयकर कानूनों में बाधा उत्पन्न नहीं होती है। इस संबंध में किसानों और व्यापारियों के बीच फैले भ्रम को भी दूर किया जाये।
कलेक्टर ने जिले की बंद उप मण्डियों को क्रियाशील करने और उनमें किसानों की उपज का घोष विक्रय सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। साथ ही कहा कि किसान अपनी मर्जी से यदि चाहें तो जिले की अन्य मंडी में भी भावान्तर भुगतान योजना के तहत अपनी उपज बेच सकते हैं। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी नीरज कुमार सिंह व अपर कलेक्टर शिवराज वर्मा सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।

पीएमएवाई के हितग्राहियों को अन्य लाभ भी दिलायें
कलेक्टर राहुल जैन ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जिन हितग्राहियों के पक्के आवास बनवाए गए हैं, उन्हें विभिन्न विभागों की योजनाओं से भी लाभान्वित करायें। उन्होंने खासतौर पर उज्ज्वला योजना के तहत नि:शुल्क गैस कनेक्शन, भू-खण्ड प्रमाण-पत्र, किचिन गार्डन, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, स्वरोजगारमूलक गतिविधि मसलन डेयरी इत्यादि का लाभ भी दिलायें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *