भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि कार्य के लिए जिले से बाहर जाने वाली बच्चियों का रिकार्ड रखने के लिए सिस्टम बनाया जाना चाहिये।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार चौहान ने यहां मंत्रालय में एक उच्च-स्तरीय बैठक में प्रदेश से गायब हुई बालिकाओं के संबंध में गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी से चर्चा की। उन्होंने गायब हुई बालिकाओं के संबंध में कहा कि पुलिस ऐसे मामलों में बालिकाओं की बरामदगी संख्या बढ़ाएं। उन्होंने गत कुछ माह में महिला अपराधों में आई कमी के लिए पुलिस को बधाई दी। गत आठ माह में महिलाओं के विरुद्ध अपराध आधे हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि बेटियों के गायब होने के मामले में गंभीर कार्यवाही की आवश्यकता है। इसलिए आज की यह विशेष बैठक बुलाई गई है। उन्होंने कहा कि बेटियों का गायब होना चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि गुम हुई बेटियों को लाना, प्राथमिकता हो। मुख्यमंत्री ने कहा ऐसा सिस्टम बनाएं कि जिले से कार्य, रोजगार आदि के लिए बाहर जाने वाली बेटी का पूरा रिकार्ड हो, जिससे वे शिकायत कर सकें। तभी इसे रोक पाएंगे। ऐसी व्यवस्था हो कि कार्य के लिए जिले से बाहर जाने पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य हो।
चौहान ने कहा कि गायब बच्चों में बेटों की तुलना में बेटियों की संख्या दोगुनी होने से स्पष्ट संकेत है कि बेटियों का गायब होना सामान्य नहीं है। पुलिस महानिदेशक जौहरी ने बताया कि बालिकाओं या युवतियों के गायब होने के पीछे के नगरीय क्षेत्रों के प्रमुख कारणों में उनका बिना बताये घर से जाना या नाराज होकर भागना और बिना बताए प्रेमी के साथ भागना शामिल है।
जौहरी ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र से मजदूरी के नाम पर पलायन होता है। इसमें श्रम विभाग की कार्यवाही आवश्यक होगी। इसका रिकार्ड रखा जाये कि कांट्रेक्टर उन्हें कहाँ और किस कार्य से ले जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने विभिन्न तरह की हेल्पलाइन को एक करने के लिए भी प्रस्ताव बनाने को कहा। अभी प्रदेश में उमंग एप और हेल्पलाइन 1090 है। भारत सरकार का हेल्प लाइन नंबर 1098 है। बैठक में विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी मुख्यमंत्री कार्यालय मकरंद देउस्कर, अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव महिला-बाल विकास अशोक शाह और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।