कानपुर। नोटबंदी के बाद उत्तर प्रदेश के कानपुर में अबतक का बंद हो गए नोटों का सबसे बड़ा जखीरा बरामद किया गया है। यहां नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने 100 करोड़ रुपए बरामद किए हैं, यह पैसे कानपुर के निर्माणाधीन घर से बरामद किए है हैं, जिसमे 500 व 1000 रुपए के बंद नोट पकड़े गए हैं। एनआईए के अधिकारी ने बताया कि यह पैसा 4-5 लोगों का है, जिसमे एक जानामान डिटर्जेंट बनाने वाला व्यापारी भी है।

18 लोग गिरफ्तार

इस जगह के बारे में एजेंसी को सीसामऊ के एक बिल्डर ने दी, उसके साथ ही जांच टीमें मौके पर पहुंची जहां नोट जमा किए गए थे। जांच एजेंसी को इस बात का शक है कि इन नोटों को इसलिए छिपाया गया था ताकि इसे बादद में वैध नोटों से बदला जा सके। एनआईए अधिकारी ने बताया कि हमे इस बात की जानकारी मिली थी कि बड़ी संख्या में बद हो गए नोट कानपुर के स्वरूप नगर में जमा किए गए हैं, हालांकि इसमे कोई भी आतंकी एंगल नहीं था, लिहाजा इसकी जानकारी यूपी पुलिस के साथ भी साझा की गई और साझा रूप से छापेमारी की गई। इस मामले में 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया है साथ ही इस मामले में पूछताछ की जा रही है।
इस छापेमारी के बाद कानपुर के एसएसपी एके मीणा ने बताया कि हमे कानपुर में एक व्यक्ति के पास करोड़ो रुपए की बंद हो चुके नोट पाए गए हैं, यह छापेमारी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, आयकर विभाग की ओर से की गई है है। अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं की गई है कि कितने नोट बरामद किए गए हैं क्योंकि इसकी गिनती व छापेमारी अभी भी चल रही है, साथ ही मामले में पूछताछ भी की जा रही है।
छापेमारी शहर के एक नामी गिरामी बिल्डर, कपड़ा व्यवसायी, हैदराबाद और पूर्वान्चल के मनी एक्सचेन्जर समेत दस लोगों को बड़ी संख्या में बन्द हो चुकी करेन्सी के साथ पकडा है। इनमें बिल्डर आनन्द खत्री, मोहित नाम का एक युवक और एक प्रोफेसर शामिल है। देर रात तक पुलिस ने स्वरूप नगर, जनरल गंज, गुमटी और अस्सी फिट रोड स्थित कई व्यापारियों के आवासीय और कारोबारी ठिकानों पर छापेमारी की। नोटबंदी के 14 माह बाद भी इतनी बड़ी संख्या में पुरानी करेन्सी को रखने और उसे कहां खपाने की तैयारी थी, ये जानने के लिये पुलिस गहन पूछताछ कर रही है लेकिन हिरासत में लिये लोगों ने जो बयान दिए हैं, उनकी सच्चाई पर पुलिस को भरोसा नहीं हुआ है और वो इसे क्रॉस चेक कर रही है।

एजेंसी को पुरानी करेंसी बदले जाने की सूचना एक मुखबिर के जरिये मिली थी। इसके बाद बिल्डर आनन्द खत्री को पकड़ा गया और उसकी निशानदेही पर अस्सी फिट रोड स्थित होटल से हैदराबाद के एक युवक और पूर्वांचल के दो युवकों को पकड़ा गया। पुलिस को इनसे शुरूआती पूछताछ में पता चला है कि रकम हवाला के जरिये दुबई और अमेरिका भेजी जानी थी और फिर एनआरआई कोटे से इसे बदला जाना था। लेकिन मनी एक्सचेंज का पूरा खेल अभी सामने आना बाकी है। आयकर नियमों के मुताबिक पुरानी करेंसी रखने के आरोपियों को बरामद करेंसी का पाॅच गुना जुर्माना देना होगा और जेल जाना होगा। जुर्माना न देने पर उनकी चल अचल सम्पत्ति से रिकवरी की जाएगी।

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