भोपाल। अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए राज्य सरकार एक बार फिर बाजार से पांच सौ करोड़ रुपए कर्ज लेने की तैयारी कर रही है। वित्त विभाग ने इसकी तैयारी कर ली है। शेष औपचारिकताएं चुनाव बाद पूरी की जाएंगी। सरकार वर्तमान वित्तीय वर्ष 2019-20 में दूसरी बार कर्ज ले रही है। इससे पहले सरकार अप्रैल में एक हजार करोड़ तो दिसंबर 2018 से मार्च 2019 के बीच 8200 करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है।

किसानों की कर्जमाफी सहित विधानसभा चुनाव से पहले किए गए तमाम वादे पूरे करने में सरकार की माली हालत और खराब हो गई है। अब वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार को वर्तमान वित्तीय वर्ष में दूसरी बार कर्ज लेना पड़ रहा है। वित्त विभाग ने इसकी तैयारी कर ली है।

लोकसभा चुनाव की आचार संहिता समाप्त होने के बाद सरकार बाजार से फिर पांच सौ करोड़ रुपए का कर्ज उठाएगी। विभागीय सूत्रों के मुताबिक सरकार 7.18 फीसदी की सालाना ब्याज दर पर कर्ज ले रही है। इसे अगले तीन साल में चुका दिया जाएगा।

यह पांच सौ करोड़ रुपए की राशि कर्जमाफी सहित उन योजनाओं पर खर्च होगी, जो कांग्रेस सरकार ने हाल ही में शुरू की हैं। इनमें मुख्यमंत्री सामूहिक कन्या विवाह-निकाह योजना, पेंशनवृद्धि सहित अन्य शामिल हैं।

प्रदेश की वित्तीय स्थिति काफी नाजुक है। कांग्रेस सरकार से पहले शिवराज सरकार भी कामकाज चलाने के लिए बाजार से कर्ज उठाती रही है। शिवराज सरकार ने अपने कार्यकाल में 10 हजार 400 करोड़ रुपए कर्ज लिया है।

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