भोपाल. मध्य प्रदेश में होने वाले उपचुनाव (By-Election) से पहले गाय और गौशाला के मुद्दे के बाद अब गोबर और गोपालकों को लेकर भी सियासत गर्म हो गई है. प्रदेश कांग्रेस ने 28 सीटों के उपचुनाव को लेकर जारी अपने वचन पत्र में इस बात का दावा किया है कि यदि कांग्रेस सत्ता में वापस आती है तो छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार की गोधन न्याय योजना की तर्ज पर प्रदेश में भी पशुपालकों के लिए योजना लागू की जाएगी. इस योजना के तहत पशु पालकों से सरकार गोबर खरीदेगी.
कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी ने 2018 के चुनाव में गौशाला बनाने का ऐलान किया था और 1000 गौशाला बनाई गईं थीं. अब अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो गोधन न्याय योजना के तहत पशुपालकों को आर्थिक मदद देने का काम किया जाएगा. पशुपालकों से गोबर खरीद कर खाद बनाई जाएगी और पशुपालकों को सीधे फायदा पहुंचाया जाएगा. कांग्रेस ने अपने उपचुनाव वाले वचन पत्र में इस बिंदु को शामिल किया है.
कांग्रेस के गोधन न्याय योजना लागू करने के दावों को बीजेपी ने हवा-हवाई बताया है. बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा है कि शिवराज सरकार में पशुपालकों के लिए कई बड़े ऐलान किए गए हैं. किसान क्रेडिट योजना से भी किसानों को जोड़ा गया है और कांग्रेस के दावों से अब कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है. काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती है और कांग्रेस अब सत्ता में नहीं आएगी.
दरअसल, प्रदेश में उप-चुनाव से पहले गाय और गौशाला सियासी दलों के केंद्र बिंदु में आ गए हैं. कांग्रेस इससे पहले गाय और गौशाला के बजट में बड़ी कटौती करने का आरोप बीजेपी सरकार पर लगा चुकी है. कांग्रेस के मुताबिक गाय पर खर्च होने वाले चारे के बजट को भी प्रदेश सरकार ने कम किया है, लेकिन अब गाय और गौशाला के बाद गोपालकों को लेकर भी कांग्रेस के दावे को लेकर सियासत गर्म हो गई है. प्रदेश में 28 विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में किसानों के साथ पशुपालक वोटर भी निर्णायक भूमिका में हैं. ऐसे में कांग्रेस का उप चुनाव से पहले यह दाव कितना असरदार साबित होता है, यह देखना दिलचस्प होगा.