ग्वालियर। डाॅं. गोविन्द सिंह जिनकी वरिष्ठता और प्रभाव को ज्योतिरादित्य सिंधिया भी कभी नकार नहीं पाए, ने प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और उपचुनाव में कांग्रेस का चेहरा कमलनाथ पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने खुलकर कहा कि कांग्रेस पार्टी में लोकतंत्र नहीं है। 

मध्य प्रदेश कांग्रेस में श्री दिग्विजय सिंह के बाद प्रदेश की राजनीति के सबसे अनुभवी नेताओं में से एक डाॅं. गोविन्द सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के अंदर लोकतंत्र नहीं है। कई सालों से देख रहा हूं कि कभी चुनाव समिति की बैठक होती ही नहीं है। पार्टी के मुद्दों को लेकर किसी बैठक में बड़े फैसले नहीं होते। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के पास ही सभी तरीके के अधिकार होते हैं और वही अपने स्तर पर फैसला लेते हैं।

दरअसल, पिछले 2 सालों में कांग्रेस पार्टी में आमूलचूल परिवर्तन हुए हैं। 2018 से पहले दिग्विजय सिंह की पकड़ मध्य प्रदेश के 23000 ग्राम पंचायत नेताओं तक थी लेकिन अब हालात यह है कि वह अपने बेटे के अलावा किसी और के टिकट की गारंटी नहीं ले सकते। दिग्विजय सिंह की टीम के महत्वपूर्ण सदस्य महेंद्र बौद्ध पिछले दिनों पैर पटकते हुए ना केवल कांग्रेस से इस्तीफा देकर बसपा में शामिल हो गए बल्कि इससे पहले एक कार्यक्रम आयोजित करके उन्होंने अपने नेता श्री दिग्विजय सिंह को काफी खरी-खोटी भी सुनाई। कमलनाथ ने दिग्विजय सिंह के साथियों को चुन-चुन कर साइडलाइन कर दिया है। गोविंद सिंह भी इसी लिस्ट में एक नाम है।

डाॅं. गोविन्द सिंह को इस बात से आपत्ति है कि मध्यप्रदेश विधानसभा उपचुनाव में टिकट का वितरण कांग्रेस के जमीनी कार्यकर्ताओं की रायशुमारी के आधार पर नहीं बल्कि कमलनाथ द्वारा प्राइवेट एजेंसी से कराए गए सर्वे के आधार पर किया जा रहा है। डाॅं. गोविन्द सिंह मुरैना जिले की मेहगांव विधानसभा सीट से अपने भांजे राहुल सिंह को टिकट दिलाना चाहते हैं। बताने की जरूरत नहीं कि मेहगांव के अलावा ग्वालियर चंबल की 16 सीटों पर डॉ गोविंद सिंह का वर्तमान में मौजूद सभी कांग्रेस नेताओं से ज्यादा प्रभाव है।

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