इंदौर. कोरोना संक्रमण काल के बावजूद राजनीति का दौर जारी है. आलम यह है कि व्यापारियों की समस्याओं के नाम पर कांग्रेस ने ना सिर्फ सैकड़ों लोगों की भीड़ इकट्ठी कर ली बल्कि पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में सरकार को खुली चुनौती देते हुए मुख्यमंत्री का पुतला तक जला दिया. प्रदर्शन के दौरान सोशल डिस्टेंस की भी जमकर धज्जियां उड़ाई गयी.पुलिस ने 200 से ज़्यादा लोगों पर केस दर्ज कर लिया है. बाकी की फुटेज के आधार पर पहचान की जा रही है.
इंदौर में कोविड-19 महामारी पर सियासत भारी पड़ती हुई दिखाई दे रही है. भाजपा हो या कांग्रेस दोनों ही राजनीतिक दल कोरोना के इस बुरे दौर में भी सियासत चमकाने में जुटे हैं. सोमवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने व्यापारी क्षेत्रों में प्रतिबंध को लेकर प्रशासन पर निशाना साधते हुए परदेसी पुरा चौराहे पर बिना अनुमति प्रदर्शन किया. इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सोशल डिस्टेंस की धज्जियां उड़ाते हुए पैदल मार्च निकालकर एक के बाद एक 5 पुतले भी जला दिए. कांग्रेस के प्रदर्शन को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात तो था, लेकिन पुलिस अधिकारी तमाशबीन बने नजर आए.
प्रदर्शन का आयोजन करने वाले कांग्रेस नेता ने प्रशासन को आम लोगों की मज़बूरी समझने की चेतावनी देते हुए कहा कि यदि प्रशासन ने अपनी मनमानी बंद नहीं की तो कांग्रेस कार्यकर्ता उग्र प्रदर्शन करेंगे. पुतला दहन करने के दौरान कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हलकी फुल्की झड़प देखने को मिली. लेकिन फिर भी कार्यकर्ता प्रदर्शन करने में सफल हुए. बिना अनुमति प्रदर्शन और भारी भीड़ जुटाने के कारण परदेशीपुरा थाना पुलिस ने आयोजकों समेत दो सौ से अधिक लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया. लगभग आधा दर्जन गंभीर धाराओं में प्रकरण दर्ज करते हुए पुलिस ने मामले में जांच शुरू की है.
इस आयोजन में पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने भी शिरकत की. इससे पूर्व में राजवाड़ा पर प्रदर्शन करने के बाद उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया था.शायद यही वजह है की वह सीधे तौर पर इस प्रदर्शन में ठीक उस वक़्त शामिल नहीं हुए जब पुतला दहन किया जा रहा था. पटवारी प्रदर्शन में सबसे पीछे चल रहे थे और कुछ देर बाद अचानक गायब भी हो गए. बहरहाल पुलिस अब वीडियो फुटेज के आधार पर इस बात की तस्दीक कर रही है कि प्रदर्शन में मंत्री समेत और कौन कौन शामिल हुआ था.
इतनी बड़ी संख्या में भीड़ जुटने और प्रदर्शन पर यह भी तय माना जा रहा है कि कुछ पुलिस कर्मियों पर भी कार्रवाई हो सकती है. चूँकि कांग्रेस ने बाकायदा टेंट लगाकर प्रदर्शन के लिए भीड़ जुटाई थी.आयोजकों ने योजनाबद्ध तरीके से पहले चौराहे पर भीड़ एकत्रित की, और ढोल धमाकों और डीजे की धुन पर कांग्रेस नेताओं-कार्यकर्ताओं को शामिल कर मार्च निकाला.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शशिकांत कनकने के मुताबिक़ कांग्रेस ने मार्च का आयोजन किया था. इस दौरान नियमों की अनदेखी हुई. मार्ग भी बाधित हुआ. आयोजक, विभिन्न नेताओं और कार्यकर्ताओं सहित 200 से अधिक के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है. अन्य की भी फुटेज के आधार पर पहचान की जा रही है. यदि किसी की पहचान उजागर होती है तो उनके खिलाफ भी प्रकरण दर्ज किया जाएगा, जल्द उन्हें गिरफ्तार भी किया जाएगा.