भोपाल ! मध्य प्रदेश विधानसभा में व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) द्वारा आयोजित परीक्षाओं में हुए फर्जीवाड़े में कथित तौर पर राज्यपाल रामनरेश यादव का नाम सामने आने के बाद कांग्रेस ने मंगलवार को विधानसभा में जमकर हंगामा किया, जिसके चलते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपना भाषण नहीं दे पाए। विधानसभा के बजट सत्र में राज्यपाल यादव के अभिभाषण पर चर्चा का अंत करने मुख्यमंत्री चौहान जब अपनी बात रखने को खड़े हुए तो कांग्रेस विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। कांग्रेस विधायकों का कहना था कि मुख्यमंत्री स्पष्ट करें कि व्यापमं मामले में राज्यपाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई है या नहीं।
मुख्यमंत्री की ओर से जवाब न मिलने पर कांग्रेस विधायकों ने हंगामा जारी रखा और मुख्यमंत्री अपनी बात नहीं रख पाए। बाद में विधानसभाध्यक्ष ने कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी।
विधानसभा के बाहर संवाददाताओं से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आज का दिन संसदीय इतिहास का काला दिन है, जब विपक्ष ने सदन के नेता को अपनी बात नहीं कहने दी।
चौहान ने कहा कि कांग्रेस का मकसद सिर्फ आरोप लगाकर भागना रहा है, व्यापमं का मामला अदालत में विचाराधीन है, लिहाजा उस पर चर्चा नहीं हो सकती।
उन्होंने आगे कहा कि उच्च न्यायालय के निर्देश पर एसआईटी के पर्यवेक्षण में एसटीएफ मामले की जांच कर रहा है। कांग्रेस के नेताओं का मकसद सिर्फ हंगामा करना है। पिछली बार भी उन्होंने आरोप लगाए थे जो सच साबित नहीं हुए। हर बार एक नया कागज ले आते हैं और आरोप लगा देते हैं।
चौहान ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के आरोपों पर उन्होंने स्वयं एसआईटी को पत्र खिलकर आरोपों की जांच की मांग की। सिंह ने पिछले दिनों एक शपथपत्र के साथ एसआईटी को एक एक्सेलशीट सौंपी थी, जिसमें कथित तौर पर मुख्यमंत्री का नाम है।