इंदौर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों की कर्जमाफी को लेकर आज एक पुन: कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि उन्होंने कर्जमाफी के नाम पर किसानों से धोखा किया है। चौहान ने जिले के सांवेर विधानसभा के निपानिया, मां नर्मदा, बुरहानपुर जिले के नेपानगर विधानसभा के धूलकोट एवं खंडवा के मांधाता विधानसभा के बूंदी में आयोजित मंडल सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बातें कही। उन्होंने कहा कि सरकार ने कर्जमाफी के 52 सौ करोड़ रुपये भी पूरे नहीं चुकाए, उसका भी आधा भार बैंकों पर डाल दिया। झूठे प्रमाण पत्र बांट दिए, लेकिन बैंकों को पैसा नहीं दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनसे कई गुना ज्यादा 17500 करोड़ रुएये तो हमारी सरकार पिछले 6 महीनों में ही अलग-अलग मदों से किसानों पर खर्च कर चुकी है। अभी सोयाबीन के नुकसान के 4000 करोड रुपए उनके खातों में और डाले जाएंगे। अब जनता ही फैसला करें कि कौन सी सरकार अच्छी है। चौहान ने कहा कि 23 मार्च को हमारी सरकार बनी तब पता चला कि कांग्रेस सरकार ने फसल बीमा की प्रीमियम भी नहीं भरे हैं।

हमने प्रीमियम भरी, जिसके बाद किसानों को 3100 करोड़ की राशि मिली। हमने वर्ष 2019 के रबी और खरीफ सीजन के बीमे के 4688 करोड रुपए 22 लाख किसानों के खाते में डलवाए। कांग्रेस सरकार ने 0 प्रतिशत ब्याज पर कर्ज की योजना बंद कर दी थी, हमने 800 करोड़ रुपए उसके भी भरे। इस तरह बीते 6 महीनों में हमारी सरकार 17500 करोड़ रुपये किसानों के लिए दे चुकी है। उन्होंने कहा कि जिन्हें काम नहीं करना होता, वह कई तरह के बहाने बनाते हैं और जिन्हें काम करना है, वह रास्ते निकाल लेते हैं।

कांग्रेस सरकार पूरे समय पैसे की कमी का रोना रोती रही, लेकिन हमने कोरोना संकट में भी इसके लिए व्यवस्था की। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता लोगों को बताएं कि अगर भाजपा की सरकार नहीं होती तो क्या कांग्रेस की सरकार 1.29 लाख टन गेहूं खरीदी कर सकती थी। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के चलते प्रदेश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है फिर भी हमने 22 सौ करोड रुपए तो सिर्फ सांवेर क्षेत्र में नर्मदा जल परियोजना के लिए दे दिए।

उन्होंने कहा कि आज ही वे 1359 करोड़ रुपए लागत की उन सड़कों का लोकार्पण करके आ रहे हैं जो कोरोना काल में बनाई गई थी। यह सही बात है कि दिक्कत है, लेकिन हमने उसके बीच से रास्ता निकाला है। कार्यक्रम को पार्टी की वरिष्ठ नेता एवं पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भी संबोधित किया और कहा कि उपचुनाव में निस्वार्थ भाव से सभी कार्यकर्ताओं को काम करना है। वर्ष 2018 विधानसभा चुनाव में भाजपा की सरकार बनाने के लिए 5-6 सीटें कम पड़ गयी थी। इसी इंदौर संभाग से अगर वह 5-6 सीटें जीत ली होती तो उसी समय भाजपा की सरकार बन सकती थी। चुनाव में एक एक सीटें महत्वपूर्ण होती है। 

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