ग्वालियर ! मध्य प्रदेश में विधानसभा मंे अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा न कराए जाने से आक्रोयिात कांग्रेस सड़कों पर उतर कर सरकार को बेनकाब करने मंे लगी है। इसी क्रम में मंगलवार को ग्वालियर में अविश्वास सभा कर कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर एक बार फिर निशाना साधा।
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से पूछा कि वे बताएं कि 11 जुलाई को वह कौन सी वजह थी कि साजिश और षड्यंत्र रचकर संसदीय लोकतंत्र को कलंकित कर सरकार चर्चा करने से सदन से भाग गई। यह अविश्वास प्रस्ताव प्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता का भाजपा सरकार से सवाल था, पर भयभीत और डरे हुए मुख्यमंत्री ने इस पर चर्चा नहीं कराई, जिसका जवाब भी जनता जानना चाहती है।
नेता प्रतिपक्ष ने दावा किया कि भाजपा सरकार ने उस दिन ही चर्चा न कराने का फैसला कर लिया था जब कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव लाने का ऐलान किया था। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यूं तो शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में संसदीय प्रक्रियाओं, प्रतिपक्ष के विधायकों के अधिकारों की विधानसभा में कई बार धज्जियां उड़ाई गईं, परंतु 11 जुलाई को मध्यप्रदेश के संसदीय इतिहास को कलंकित करने वाला एक ऐसा अध्याय दर्ज हुआ है जो आने वाले पीढ़ियों को यह बताएगा कि किस तरह लोकतंत्र का गला शिवराज राज में घोंटा गया।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मध्यप्रदेश को मंदिर बताने वाले, जनता को भगवान कहने वाले और खुद पुजारी बनने वाले शिवराज सरकार इसलिए भागी, क्योंकि उनके मुखिया के परिवार पर सीधे आरोप थे। विधानसभा मे अविश्वास प्रस्ताव के तहत सौंपे गए 27 आरोपों से मुख्यमंत्री ही नहीं, उनकी सरकार की कलई खुलने वाली थी, इसलिए चर्चा से सरकार ने पलायन किया।
इस मौके पर अन्य विधायक कल्पना पारुलेकर ने सरकार व मुख्यमंत्री पर खुलकर आरोप लगाए। इस सभा में विधानसभा मे अविष्वास के दौरान हुए घटनाक्रम का विधायक संजय पाठक ने मंचन किया। इस सभा में ग्वालियर चंबल क्षेत्र के कांग्रेस विधायक मौजूद थे।
कांग्रेस ने संभागीय स्तर पर अविश्वास सभाएं करने का पहले ही ऐलान कर दिया है। ग्वालियर से पहले भोपाल में सभा हो चुकी है।