भोपाल. नये कृषि कानून के खिलाफ कांग्रेस (Congress) पार्टी लगातार सड़क पर है. पार्टी ने शनिवार को राजभवन की ओर कूच किया. पूर्व मुख्यमंत्री के नेतृत्व में कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता किसान बड़ी संख्या में जवाहर चौक पहुंचे. रोशनपुरा आते-आते कांग्रेसी कार्यकर्ता उग्र हो गए और पुलिस पर पथराव किया. उन्होंने बैरिकेड तोड़ दिए. इस प्रदर्शन में महिलाएं भी शामिल हैं. वहीं, उन्हें तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया. पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया और आंसू गैस के गोले छोड़े. प्रदर्शन में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति और विधायक कुणाल चौधरी सहित कई नेता मौजूद थे. पुलिस ने दिग्विजय सिंह, कुणाल चौधरी, जयवर्धन सिंह, पीसी शर्मा सहित 20 नेताओं को गिरफ्तार कर सेंट्रल जेल भेज दिया.
राजभवन कूच करने से पहले पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा- केंद्र ने किसानों के लिए काले कानून बनाए हैं. मैंने अपने समय में MSP के लिए केंद्र सरकार से लड़ाई लड़ी थी. क्या दिल्ली में बैठे किसानों में बुद्धि नहीं है, कि वे क्या कर रहे हैं? ये कानून अमल में आए तो मंडियों को बड़े-बड़े उद्योगपति अपनी चपेट में ले लेंगे. उन्होंने कहा कि किसान उद्योगपतियों का बंधुआ मजदूर बन जाएगा. हम एकत्रित हुए हैं देश के सभी किसानों के लिए. कांग्रेस ने ऐलान किया है कि जब तक किसानों के मुद्दे पर केंद्र सरकार कोई फैसला नहीं करती, तब तक वो अपना आंदोलन जारी रखेगी. वहीं कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने केंद्र सरकार के फिलहाल कृषि कानून लागू नहीं करने के आश्वासन को किसानों की आंशिक जीत बताया है. लक्ष्मण सिंह ने कहा कांग्रेस पार्टी किसानों के समर्थन में अपने आंदोलन को जारी रखेगी.
कमलनाथ ने कहा- मैं पुलिस के बल प्रयोग की निंदा करता हूं
पुलिस द्वारा किए गए बल प्रयोग पर कमलनाथ ने ट्वीट किया- ‘किसानो के समर्थन में आज मध्यप्रदेश के भोपाल में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हज़ारों किसान भाइयों व कांग्रेसजनो पर शिवराज सरकार के ईशारे पर किये गये बर्बर लाठीचार्ज , आंसू गैस व वाटर केनन छोड़े जाने की व गिरफ़्तारी की कड़ी निंदा करता हूँ।‘ इस लाठीचार्ज में कई किसान भाइयों, कांग्रेसजनो , महिलाओं व मीडिया के साथियों को चोटे आयी है। उनके स्वस्थ होने की कामना करता हूँ। किसानो के समर्थन में हमारा संघर्ष जारी रहेगा, हम ऐसे दमन से डरने-दबने वाले नहीं है।‘