पिछले दिनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्यालय जाने वाले पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को आखिरकार कांग्रेस की ओर से आयोजित की जाने वाली इफ्तार पार्टी के लिए निमंत्रित कर दिया गया है. इससे पहले कांग्रेस ने प्रणब मुखर्जी और पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी को इफ्तार पार्टी में नहीं बुलाने का फैसला किया था.

हालांकि मीडिया में इस फैसले के बाद यह खबर फैल गई कि उन्हें नागपुर जाने की वजह से कांग्रेस नहीं बुला रही. अभी से कुछ समय पहले तक कांग्रेस यह कहती रही की प्रोटोकॉल की वजह से नहीं बुलाया गया और नहीं बुलाने का फैसला पहले ही हो गया था.

इस बीच प्रणब के दफ्तर ने भी कहा की प्रोटोकॉल की वजह से उन्हें बुलाना सही नहीं. इसमें उनको कोई ऐतराज भी नहीं है. लेकिन प्रणब दा की हस्ती के वजन को हल्के में लेने का फैसला किया गया, दरअसल पार्टी यह तय कर चुकी थी कि प्रणब दा को इफ्तार पार्टी से दूर रखा जाए, लेकिन वह यह भी जानती थी कि प्रणब दा की गैरमौजूदगी और आरएसएस मुख्यालय जाने को जोड़कर जरूर देखा जाएगा.

लिहाजा, पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का नाम भी लिस्ट से हटा दिया गया था ताकि प्रोटोकॉल फैसले पर उठने वाले सवालों की बौछार झेली जा सके, लेकिन दादा के संघ मुख्यालय पर सवाल उठाने और बाद में संघ को नसीहत देने के घटनाक्रम के बाद इस बार कांग्रेस अध्यक्ष ने अंत में मोर्चा संभाला और फैसला किया कि दादा से दूरी नहीं बनाई जाएगी.

प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति होने से पहले कांग्रेस की राजनीति की धुरी रहे हैं. लिहाजा संघ के न्यौते पर जाने के बाद संघ को पाठ पढ़ाकर आने वाले दादा से दूरी का सियासी नुकसान भी तौला गया और इस बार प्ले सेफ की नीति अपनाई गई.

कांग्रेस ने 13 जून को दिल्ली के एक होटल में इफ्तार पार्टी रखी है. यह पार्टी कांग्रेस का अल्पसंख्यक विभाग आयोजित कर रहा है. कांग्रेस ने यूपीए के सहयोगियों को भी पार्टी में शिरकत का निमंत्रण भेजा है. पिछले दिनों यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी की डिनर पार्टी में आने वाले सभी विपक्षी दलों के नेताओं को निमंत्रण भेजा गया है.

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