भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा उपचुनाव में ग्वालियर से समाजवादी पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी रोशन मिर्जा से हुई बातचीत का ऑडियो वायरल होने के बाद दिग्विजय सिंह ने स्वीकार किया कि यह बातचीत उन्होंने ही की थी। इसके साथ दिग्विजय सिंह ने जोड़ा कि इसमें सौदेबाजी नहीं है। इससे पहले सपा प्रत्याशी रोशन मिर्जा ने ऑडियो की पुष्टि कर दी थी।
पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह ने अपनी बात को स्पष्ट करते हुए कहा कि “मैं स्वीकार करता हूं कि मैंने कहा है। ये कोई लालच या लोभ नहीं है। कांग्रेस का कार्यकर्ता यदि निर्दलीय फार्म भरता है तो मेरी जवाबदारी बनती है कि मैं उससे प्रार्थना करूं कि आप नाम वापस ले लीजिए। उसकी शिकायत थी कि मेरी कोई सुनता नहीं है। मुझे चुनाव लड़ना है वार्ड का। मैंने कहा नगर निगम चुनाव आएंगे तो लड़ाएंगे तुम्हें। इसमें क्या हो गया? सत्य है और मैं कहकर पलटता नहीं हूं।
पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह ने रोशन मिर्जा को कांग्रेस का नाराज कार्यकर्ता बताते हुए कहा कि उन्होंने निर्दलीय फॉर्म भरा है जबकि रोशन मिर्जा समाजवादी पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी हैं। इसका अर्थ यह हुआ कि जिस समय दिग्विजय सिंह, श्री रोशन मिर्जा से बात कर रहे थे तब रोशन मिर्जा कांग्रेस के नहीं बल्कि समाजवादी पार्टी के नेता है।
एक प्रश्न यह भी उपस्थित होता है कि कांग्रेस पार्टी के नाराज कार्यकर्ताओं को श्री दिग्विजय सिंह किस हैसियत से मना रहे हैं। वह किस अधिकार थे रोशन मिर्जा को नगर निगम चुनाव में कांग्रेस की तरफ से पार्षद का टिकट देने की बात कर रहे थे जबकि मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी में श्री दिग्विजय सिंह किसी भी निर्णायक पद पर नहीं है। विधानसभा उपचुनाव के टिकट वितरण के दौरान उन्होंने स्पष्ट कहा था कि चुनाव में टिकट वितरण से उनका कोई संबंध नहीं है।
सपा प्रत्याशी रोशन मिर्जा ने ऑडियो को सही बताया है। उनका कहना है कि दिग्विजय सिंह का फोन आया था। उन्होंने कहा कि ‘आप चुनाव क्यों लड़ रहे हैं? आपको चुनाव लड़ना तो आता नहीं है। देख रहे हैं कि भाजपा और कांग्रेस किस कंडीशन में हैं। फिर मैंने उनसे कहा था कि अपनी बात कहने का सबको अधिकार है। आजाद भारत में तो कोई भी चुनाव लड़ सकता है। हम भी पार्टी से लड़ रहे हैं।
“इस पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि आप चुनाव मत लड़ो, नाम वापस ले लो, मुझसे मिलना। पार्षद का टिकट हम देंगे, हमने कहा कि पार्षद के टिकट की कोई बात नहीं है। हम सुनील शर्मा के पास गए थे, उन्होंने भी मना कर दिया कि टिकट नहीं देंगे। इस पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि उनसे मिल लो। इसके बाद लालच भी दिया। टिकट देने की बात थी और कांग्रेस के दूसरे नेताओं ने कहा कि 10 लाख रुपए दे देंगे।
ऑडियो के सामने आने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “जो हम पर आरोप लगाते हैं, उन पर ही आरोप साबित हो रहे हैं। पैसे का ऑफर दिया जा रहा है। अब यह साफ हो गया है कि खरीद-फरोख्त कौन करता है।