ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर में कलेक्टर-कमिश्नर को सर नहीं कहने और उनकी बात नहीं मानने के डॉक्टरों के फैसले को अभी 24 घंटे भी नहीं बीते थे कि गुरुवार को प्रशासन ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल लिया। नगर निगम ने 41 निजी अस्पतालों को तलघरों का नियम विरुद्ध व्यावसायिक इस्तेमाल करने के आरोप में नोटिस थमा दिए। सभी अस्पतालों को 24 घंटे में तलघरों को खाली करने के लिए कहा गया है।
अपर कलेक्टर और सीएमएचओ के दल ने निजी अस्पतालों का औचक निरीक्षण कर मैक्स अस्पताल और दिशा व समर्पण पैथोलॉजी का रजिस्ट्रेशन 15-15 दिन के लिए सस्पेंड कर दिया है। इसके साथ ही इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की सेंट्रल वर्किंग कमेटी के सदस्य डॉ. एएस भल्ला के बसंत विहार स्थित सहारा अस्पताल को सील करने का नोटिस एसडीएम अनिल बनवारिया ने जारी किया है।
उधर संभागायुक्त एमबी ओझा ने जेएएच परिसर में आयोजित डॉक्टरों की उक्त बैठक को अवैधानिक बताते हुए मेडिकल कॉलेज के डीन से जवाब-तलब किया है। उनका कहना है कि इस तरह की बैठक के लिए कॉलेज के सभागार का उपयोग नहीं किया जा सकता। कुल मिलाकर डॉक्टरों पर जवाबी कार्रवाई के लिए प्रशासन एकजुट हो गया है।
आईएमए के सदस्य डॉ. एएस भल्ला ने कहा कि प्रशासन ने आज जो कार्रवाई की है वह प्रतिशोधात्मक है। प्रशासन नर्सिंग होम क्या बंद कराएगा ऐसी नौबत नहीं आएगी, हम पहले ही बंद कर देंगे। इस तरह की कार्रवाई का हम विरोध करेंगे, डरेंगे नहीं।
ग्वालियर के संभागायुक्त एमबी ओझा ने बताया कि जीआरएमसी परिसर में कल हुई डॉक्टरों की बैठक के लिए डीन ने मंजूरी नहीं दी थी। मीटिंग कैसे हुई और किसने की, इसको लेकर डीन से रिपोर्ट मांगी गई है। डॉक्टरों के विवाद में जेेएएच व मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर शामिल नहीं हैं।