बेंगलुरु. कर्नाटक में राजनीतिक उठापटक के बीच सोमवार को कांग्रेस के 21 मंत्रियों ने कुमारस्वामी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारमैया ने इसकी पुष्टि की। कांग्रेस के कर्नाटक प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने कहा है कि सरकार बचाने और भाजपा को रोकने के लिए हमारे विधायकों ने मंत्री पद छोड़े हैं। इससे पहले निर्दलीय विधायक एच नागेश ने भी मंत्री पद से इस्तीफा देते हुए समर्थन वापस ले लिया। उन्होंने राज्यपाल को लिखे पत्र में कहा है कि अगर भाजपा सरकार बनती है तो मैं उनके साथ रहूंगा।

दूसरी ओर, मंत्री जमीर अहमद खान ने कहा, ‘जितने भी विधायक भाजपा कैम्प में गए, उनमें से 6-7 आज शाम तक वापस लौट आएंगे।’ इससे पहले कांग्रेस और जेडीएस के 13 विधायक अपनी विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे चुके हैं।

कांग्रेस सांसद डीके सुरेश ने कहा कि भाजपा नहीं चाहती है कि कोई विपक्षी पार्टी किसी राज्य या केंद्र की सत्ता में रहे हैं। वह लोकतंत्र को खत्म कर रही। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कर्नाटक के हालात के लिए भाजपा को जिम्मेदार बताते हुए लोकसभा में मुद्दा उठाया। इस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कर्नाटक में जो कुछ भी हो रहा है। उसमें भाजपा का कोई लेनादेना नहीं। हम संसदीय लोकतंत्र की मर्यादा को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। कांग्रेस में इस्तीफा देने का चलन राहुल गांधी ने शुरू किया है, हमने नहीं। उन्होंने ही लोगों से कहा है कि इस्तीफा दें। अब तक कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता इस्तीफा दे चुके हैं।

अधीर रंजन ने लोकसभा में कहा, ‘‘आप (भाजपा) 300 सीट जीते हैं, लेकिन आपका पेट नहीं भरा। यदि मेरा घर असुरक्षित है और वहां दस सोने और दस चांदी के सिक्के हैं, तो इसका मतलब यह नहीं होता कि आप उसे चुराने के इरादे से आएं और लूटकर भाग जाएं।’’ राजनाथ ने जवाब देते हुए कहा, ‘‘कर्नाटक में जो भी राजनीतिक हालात हैं, उसमें हमारी पार्टी की कोई भूमिका नहीं। इससे हमारा कोई लेना-देना नहीं है। यह कांग्रेस का अंदरूनी मामला है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से ही इस्तीफा देने का चलन शुरू हुआ। एक से एक दिग्गज कांग्रेस नेता इस्तीफा दे रहे हैं।’’

अब जेडीएस नेता और मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के अलावा कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारमैया के सामने सरकार बचाने की चुनौती है। राज्य में सरकार बनाने और बचाने के लिए भाजपा और जेडीएस में बैठकों का दौर जारी है। सोमवार को उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वरा ने अपने आवास पर कांग्रेस के विधायक और मंत्रियों को नाश्ते पर बुलाया। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, मंत्री डीके शिवकुमार, यूटी खादर, शिवशंकरा रेड्डी, वेंकटरमनप्पा, जयमाला, एमबी पाटिल, केबी गौड़ा, राजशेखर पाटिल मौजूद रहे।

13 महीने पुरानी गठबंधन सरकार को लेकर होटल ताज वेस्ट एंड में रविवार शाम को भी बैठक हुई थी। इसमें एचडी देवेगौड़ा, कुमारस्वामी और जी परमेश्वर के अलावा कांग्रेस नेता भी मौजूद थे। बैठक से पहले कुमारस्वामी के मंत्री जीटी देवेगौड़ा ने कहा था कि अगर समन्वय समिति सिद्धारमैया को सीएम बनाती है तो हमें आपत्ति नहीं है। माना जा रहा है कि गठबंधन सरकार बचाने के लिए कुमारस्वामी इस्तीफा दे सकते हैं और कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे नए मुख्यमंत्री बन सकते हैं। न्यूज एजेंसी ने कांग्रेस सूत्रों के हवाले से बताया था कि जेडीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष एचडी देवगौड़ा ने यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी को यह सुझाव दिया है कि गठबंधन सरकार बचाने के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।

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