ग्वालियर। भिण्ड जिले के लहार विकास खण्ड के ग्राम रिनिया में कल एक और किसान की फसल बर्बाद हो जाने पर सदमे से मौत हो गई। किसान पर सोसायटी व बैंक का कर्जा तो था, ही साथ ही प्राइवेट लोगों का कर्जा भी था।
भिण्ड जिले के दबोह थाना क्षेत्र के ग्राम रिनिया निवासी किसान दीनदयाल जाटव 52 वर्ष के पास 6 बीघा जमीन थी। ओलावुष्टि व बरसात के कारण उसकी फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई थी उस पर सोसायटी का 73687 व जिला सहकारी बैंक का 10 हजार 600 रुपए के कर्जें के अलावा गांव के ही कुछ लोगों का कर्जा था। फसल बर्बाद हो जाने से वह कर्जा चुकाने में पूरी तरह असमर्थ था जबकि सोसायटी ने कर्जा बसूलने के लिए उसके पास नोटिस भी भेज दिया था। इससे वह काफी परेशान था। आज सुवह उसकी सदमे से मौत हो गई। किसान की तीन लडकिया थी उनकी तीन साल में एक- एक करके शादी की थी उन लडकियों की शादी के लिए भी उसने गांव के ही लोगों से कर्जा लिया था।
रिनिया गांव के ही किसान भगवत शरण जाटव व तुलाराम जाटव ने बताया कि ओलावुष्टि से फसल बर्बाद हो जाने पर किसान दीनदयाल काफी परेशान रहता था उसने बताया कि अगर उसने इस वर्ष कर्जा नहीं चुकाया तो उसकी जमीन भी चली जाएगी फिर उसका परिवार कैसे पल पाएगा। उधर जिला प्रशासन ने भी बर्बाद फसल के नुकसान का आकलन नहीं कराया था। उसने नुकसान का मुआवजा मिलने की भी आस छोड दी थी जब नुकसान का आकलन ही नहीं हुआ तो नुकसान कहां से मिलेगा।
लहार विधायक डॉं. गोविन्द सिंह ने पत्रकार वार्ता में कहा है कि अतिवृष्टि से बर्बाद फसल का नुकसान का आकलन नहीं किए जाने के कारण किसान आत्म हत्या कर रहे है। तथा किसान सदमे से भी मर रहे है। भिण्ड जिले में शत-प्रतिशत फसल अतिवृष्टि से नष्ट हो वुकी है लेकिन भिण्ड कलेक्टर केवल 15 प्रतिशत ही वो भी कहीं-कहीं नुकसान की बात कह रहे है। भाजपा सरकार में किसान मर रहे है। घोषणावीर मुष्यमंत्री किसानों के आंसू भी नहीं पोंछ पा रहे । डॉं. गोविन्द सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश में 25 से 30 किसान फसल बर्बाद होने के कारण आत्म हत्या कर चुके है।

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