भोपाल । राजधानी के प्रायवेट स्कूलों के सभी कक्षाओं के परिणाम घोषित हो रहे हैं। नया शिक्षण सत्र शुरू होने वाला है। 22 से 25 मार्च तक सभी स्कूलों की कक्षाएं लगनी शुरू हो जाएंगी। अब अभिभावकों को किताब-कॉपी खरीदने के लिए जेब कटने की चिंता सताने लगी है। बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने के नाम पर स्कूल संचालक अभिभावकों को लूट रहे हैं।

राजधानी में 120 सीबीएसई स्कूल हैं। पालक संघ का कहना है कि ऐसे में 40 प्रतिशत कमीशन बुक डिपो स्कूलों को देते हैं। जिससे इन स्कूलों को 200 करोड़ रुपए कमीशन मिलता है। वहीं राजधानी में पहली से दसवीं तक पढ़ने वाले छात्रों के अभिभावकों को लगभग 500 करोड़ रुपए सिर्फ किताबों पर खर्च करने पड़ रहे हैं।

अभिभावकों का कहना है कि कक्षा सातवीं की एनसीईआरटी की किताबों का जो कोर्स 420 रुपए में मिल रहा है। वही मिशनरी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को तय बुक स्टालों से खरीदने में 4500 रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं। एक प्रायवेट स्कूल के कक्षा तीन की किताबों का सेट 4070 रुपए, कक्षा छठवीं का 5020 रु. और कक्षा दसवीं का 4099 रुपए में पड़ रहा है। वह भी एक निश्चित बुक डिपो से ही मिल रही है।

ज्ञात हो कि पिछले साल से सभी कक्षाओं में एनसीईआरटी की किताबें लागू करने के निर्देश दिए गए थे। सीबीएसई स्कूलों पर लगाम नहीं पालक संघ का मानना है कि सीबीएसई स्कूलों पर किसी की लगाम नहीं होने से वे मनमानी करते हैं। हर साल सीबीएसई के गाइडलाइन को पालन करने का आश्वासन शासन देता है, लेकिन फिर भी मनमानी जारी है। जिला शिक्षा विभाग भी सीबीएसई स्कूलों को मनमानी करने से रोकते नहीं हैं ।

सीबीएसई पैटर्न एक तो पब्लिशर्स अलग क्यों

सीबीएसई पैटर्न का सिलेबस एक समान है, लेकिन निजी स्कूलों में पब्लिशर्स की संख्या सैकड़ों में है। जितने स्कूल हैं उतने प्रकाशकों की किताबें चल रही हैं। एक ही कक्षा की किताबें स्कूल अलग होने से अलग हो जाती हैं।

एमएचआरडी को किताबों के दामों पर भेजी गई रिपोर्ट

रिपोर्ट में बताया गया है कि एनसीईआरटी कि किताबों का सेट कक्षा एक और दो का 150 रुपए, कक्षा तीन से पांच तक का 200 रुपए और छठी से आठवीं तक की किताबों का सेट 440 से 525 रुपए का है। वहीं निजी प्रकाशकों द्वारा उपलब्ध कराई जा रही पहली कक्षा की एक किताब ही 758 रुपए से शुरू होती है।

एक साल छोटे भाई-बहन को कोई फायदा नहीं

अभिभावकों का कहना है कि एक ही स्कूल में एक क्लास के गैप में अगर भाई-बहन पढ़ते हैं तो उन्हें कोई फायदा नहीं मिलता है। हर साल सभी क्लास की किताबें बदल दी जाती हैं। जिससे हर साल नई किताबें खरीदनी पड़ती हैं।

क्या है नियम: सख्त कार्रवाई का प्रावधान

स्कूल संचालक नियमों का पालन नहीं करते हैं तो उन पर शिक्षा विभाग कार्रवाई कर सकता है। संचालकों द्वारा तय दुकानों से किताबों की बिक्री होती है, तो इसकी शिकायत मिलने पर स्कूल की मान्यता भी निरस्त करने का प्रावधान है।

अगर कोई शिकायत मिलती है तो कार्रवाई जरूर करेंगे

सभी सीबीएसई स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबें लागू करने का प्रावधान है, लेकिल शासन स्तर पर ही ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिससे स्कूलों में प्रायवेट पब्लिशर्स की किताबें चलाई जा रही हैं – प्रबोध पंड्या, महासचिव,

पालक महासंघ

सीबीएसई स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबों के लिए करिकुलम जारी किया गया है। साथ ही सभी किताबें ओपन मार्केट में उपलब्ध होना चाहिए, इसके निर्देश दिए गए हैं। अगर कहीं से शिकायत मिलती है तो कार्रवाई जरूर की जाएगी – धर्मेन्द्र शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी

अभिभावक यहां कर सकते हैं शिकायत, एसएमएस भी करें

कलेक्टर – 9630457333

जिला शिक्षा अधिकारी – 9826697646

सीबीएसई वेबसाइट – www.cbse.co.in

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *