भोपाल। प्रदेश में सरप्लस बिजली होने के बावजूद हो रही कटौती को लेकर नए-नए खुलासे हो रहे हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार के पास एक ऐसी रिकॉर्डिंग आई है, जिसमें सरकार को बदनाम करने के लिए बडे पैमाने पर बिजली कटौती किए जाने की बातचीत दर्ज है। सरकार इस रिकॉर्डिंग का परीक्षण भी करवा रही है।
इसमें इंदौर, भोपाल और छतरपुर में बिजली काटे जाने की बात है तो अब रतलाम में फोकस करने के निर्देश भी दिए जा रहे हैं। उधर, भोपाल मध्य से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ, जिसमें वे ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह का नाम लेते हुए कह रहे हैं कि यदि मैं मंत्री होता तो कई अफसरों को जेल भिजवा चुका होता।
सूत्रों के मुताबिक सरकार को बिजली संकट को लेकर शुरूआत से ही यह आशंका है कि इसके पीछे किसी न किसी का हाथ है। दरअसल, बिजली सरप्लस है और एक-दो घटनाओं को छोडकर प्राकृतिक तौर पर ऐसे कुछ नहीं हुआ, जिसकी वजह से बिजली गुल हो। इसके बावजूद शहर हो या कस्बा या फिर गांव, सब जगह हर दिन बिजली जा रही है। कुछ जगह घोषित तौर पर मेंटेनेंस के लिए शट डाउन लिया जा रहा है तो कुछ जगह फाल्ट या ट्रिपिंग को बिजली जाने की वजह बताया जा रहा है। इसी बीच सरकार के पास एक ऐसी फोन रिकार्डिंग पहुंची है, जिसमें दो व्यक्ति बिजली काटकर सरकार को बदनाम करने की बात कर रहे हैं।
बातचीत से लगता है कि संभवतः ये बिजली कंपनी से जुडे लोग है। हालांकि इस संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि यह सनसनी फैलाए जाने के इरादे से भी जारी किया गया हो। रिकार्डिंग में निर्देश दिए जा रहे हैं कि बिजली कटौती बढाओ। छोटे जिलों पर ज्यादा फोकस करो। कमलनाथ सरकार को जितना बदनाम कर सकते हो, उतना करो। रतलाम पर फोकस करो। ग्रामीण क्षेत्रों में डेढ घंटे कटौती करो। इसी बीच दूसरी ओर से सरकार के एक्शन में होने, 17 लाख रुपए का पेमेंट होने पर अधिक की दरकार होने की बात रखी गई। फोन पर यह भी हिदायत दी गई कि रिकॉर्डिंग होने लगी है। फोन पर बात मत करो। आप खुद आकर मिलो।
बताया जा रहा है कि सोशल मीडिया के माध्यम से आई इस रिकॉर्डिंग की सच्चाई पता लगाने सरकार सक्रिय हो गई है। उधर, भोपाल मध्य से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ। इसमें वे कह रहे हैं कि ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह की जगह मैं होता तो बिजली के हालात के ऊपर कई अधिकारियों को जेल भिजवा चुका होता।
उधर, ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव आईसीपी केशरी ने शुक्रवार को ड्राफ्ट कमर्शियल मैन्युअल को अंतिम रूप देने की कार्यशाला में कहा कि बिजली वितरण कंपनी के मुख्य महाप्रबंधक से लेकर जूनियर इंजीनियर तक किसी को भी उनके मोबाइल पर किसी भी समय अज्ञात नंबर से फोन कर सकता हूं। यदि फोन नहीं उठा तो संबंधित के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। बिजली वितरण तभी पुख्ता मानी जा सकती है जब हम 24 घंटे सजग रहें। बिजली की आपूर्ति सरकार की प्राथमिकता है। इसमें किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा- मप्र में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से भाजपा-संघ बिजली को लेकर सरकार को बदनाम करने का काम कर रही है। पर्याप्त बिजली सप्लाई होने के बाद भी बिजली कटना इसी का प्रमाण है। सायबर सेल और सीआईडी ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। इसके पीछे जिसकी भी साजिश है, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।