भोपाल| लोकसभा चुनाव 2019 के परिणामों से पहले आये एग्जिट पोल के नतीजों के बाद मध्य प्रदेश की राजनीति में भी हलचल मच गई है| क्यूंकि तमाम एजेंसियों के आंकलन में आंकड़े भाजपा के पक्ष में बताये जा रहे हैं और कांग्रेस के दावे के उलट परिणाम की संभावना जताई जा रही है| हालाँकि कांग्रेस नेताओं ने एग्जिट पोल को ख़ारिज किया है| इस बीच बीजेपी के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कमलनाथ सरकार से विधानसभा में बहुमत साबित करने की मांग कर दी है| भार्गव ने चेतावनी दी कि यदि सरकार सत्र नहीं बुलाती है तो विपक्ष राज्यपाल को पत्र लिखकर सत्र की मांग करेगा। भार्गव के इस बयान के बाद प्रदेश की सियासत में हलचल तेज हो गई है| क्यूंकि इससे पहले भी भार्गव समेत कई बीजेपी नेता लोकसभा चुनाव के बाद प्रदेश में सरकार गिरने के दावे करते रहे हैं|
लोकसभा चुनाव के लिए मतदान की प्रक्रिया पूरी होते ही भाजपा ने कमलनाथ सरकार पर हमला बोल दिया है। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने आज राजधानी भोपाल में कहा कि प्रदेश में लंगड़ी सरकार है। सरकार को जल्द सत्र बुलाकर विधानसभा में बहुमत साबित करना चाहिए। भार्गव ने चेतावनी दी कि यदि सरकार सत्र नहीं बुलाती है तो विपक्ष राज्यपाल को पत्र लिखकर सत्र की मांग करेगा। भार्गव ने एक हफ्ते के अंदर विधानसभा सत्र बुलाने की मांग की है| उन्होंने कहा कांग्रेस सरकार विधानसभा सत्र लगातार टालने की कोशिश कर रही है| विधानसभा सत्र में विधायको की संख्या का भी पता चल जाएगा| ज्यादा दिन प्रदेश में ये सरकार चलने वाली नही है, प्रदेश में हाहाकार मचा हुआ है| कांग्रेस के विधायकों की संख्या कम होने का दावा करते हुए कहा विधानसभा के बाद लूली लंगड़ी सरकार बनाना उचित नही| अब वक्त आ गया कि हम सरकार से बहुमत सिद्ध करवाए, सरकार को ये प्रमाणित करना होगा कि प्रदेश में उन्होंने क्या किया| विधायको के बीजेपी के संपर्क में होने के सवाल पर नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा अभी इस पर बोलना जल्दबाज़ी होगा…वक्त आने पर आपको पता चल जाएगा|
बता दें कि कमलनाथ सरकार के गठन से ही भाजपा निशाना साधती रही है। लोकसभा चुनाव के दौरान भी भाजपा ने प्रचारित किया कि लोकसभा चुनाव बाद कमलनाथ सरकार गिर जाएगी। जिस तरह से आज नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि कमलनाथ सरकार को बहुमत साबित करना चाहिए, उससे लगता है कि यह विपक्ष की रणनीति है। विपक्ष अब प्रदेश में सरकार बनाने की कोशिश में जुट गया है।
उल्लेखनीय है कि मप्र विधानसभा में भाजपा के पास 109 विधायक हैं। जबकि कांग्रेस के पास 113 विधायक हैं, जो बहुमत के आंकड़े 116 से दो संख्या कम है। कमलनाथ सरकार को फिलहाल बसपा के 2, सपा के 1 एवं निर्दलीय 4 विधायकों का समर्थन मिला हुआ है। कांग्रेस के एक विधायक दीपक सक्सेना इस्तीफा दे चुके हैं, जहां से कमलनाथ विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं।