भोपाल। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता वापसी के बाद जितनी जद्दोजहद सीएम के ऐलान के समय हुई अब उतनी ही देरी मंत्री मंडल के चयन में भी हो रही है। तीन दिन से दिल्ली में डेरा जमाए सीएम कमलनाथ कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से मंत्री मंडल पर चर्चा कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह को मंत्रिपरिषद में शामिल किया जा सकता है। उनके लिए पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह पैरवी कर रहे हैं। इसके अलावा सुरेश पचौरी और सिंधिया समर्थक रामनिवास रावत के नाम को लेकर भी अटकलें हैं।
दरअसल, विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सरकार बनाने में कामयाब तो हुई लेकिन पार्टी के कई दिग्गज चुनाव में हार गए। हारे हुए बड़े नामों में सुरेश पचौरी, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह और सिंधिया खेमे के रामनिवास रावत शामिल हैं। इनकी हार के बाद अब पार्टी समर्थक इनको मंत्री मंडल में जगह देने की मांग कर रहे हैं। पार्टी सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि दिल्ली में अजय सिंह के नाम पर पेच फंसा है। लेकिन सवाल उठ रहा है कि अगर सिंह को जगह दी जा सकती है तो फिर सुरेश पचौरी और रामनिवास रावत को क्यों नहीं। सिंधिया के पास 22 विधायकों का समर्थन है। वह चाहते हैं कि उनकी टीम के मेंबर को भी मंत्री मंडल में जगह मिले। अगर अजय सिंह को जगह दी जा सकती है तो फिर रामनिवास रावत को क्या नहीं। इसी पूरी बहस को लेकर मंत्री मंडल का पेच फंसा है। यदि अजय सिंह राहुल मंत्रिपरिषद में जगह पा रहे हैं तो ऐसा कोई कारण नहीं बनता कि कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुरेश पचौरी को मंत्रिपरिषद में न रखा जाए, आखिर वो भी तो कमलनाथ के खास माने जाते हैं।
सोशल मीडिया पर चर्चा है कि यदि ये तीनों हारने के बाद भी मंत्री बन जाते हैं तो वाकय यह कमलनाथजी का कमाल होगा। वो ऐसा चमत्कार करने वाले “पहले” बन जाएंगे। तब मोदी जी ऐसा दावा नहीं कर पाएंगे कि ऐसा ‘करिश्मा’ सिर्फ़ वही भर कर सकते हैं।