भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में नई शिक्षा नीति के अंतर्गत कक्षा छठवीं से व्यवसायिक शिक्षा की व्यवस्था की जा रही है। आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा आवश्यक है। प्रदेश में 20 से 25 किलोमीटर की परिधि में सी.एम.राइज़ स्कूल आरंभ किये जाएगें, जिनमें प्रयोगशाला, पुस्तकालय, खेल मैदान पर्याप्त संख्या में शिक्षकों की व्यवस्था होगी। आस-पास के क्षेत्रों से विद्यार्थियों को लाने-ले-जाने के लिए बसों की व्यवस्था भी की जाएगी। मुख्यमंत्री चौहान समेकित छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत राज्य स्तरीय वर्चुअल कार्यक्रम से जुड़े प्रदेश की सभी शालाओं के विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे।
मंत्रालय में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री चौहान द्वारा कक्षा 9 से 12वीं तक के 13 लाख 80 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं के खाते में सिंगल क्लिक से 326 करोड़ 25 लाख से अधिक की राशि अंतरित की गई। कार्यक्रम में जनजातीय कार्य तथा अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री सुमीना सिंह, स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रामखेलावन पटेल उपस्थित थे।
कोरोना काल में शिक्षकों की भूमिका सराहनीय – मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि ज्ञान, कौशल और नागरिकता के संस्कार शिक्षा के उद्देश्य हैं। इससे हम पीढ़ियों से संचित ज्ञान परम्परा से लाभान्वित होते हैं। कौशल हमें आजीविका के प्रबंधन के योग्य बनाता है और नागरिकता के संस्कार से ईमानदारी, परिश्रम, कर्त्तव्य निष्ठा, चारित्रिक बल तथा देशभक्ति के गुण विकसित होते हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने विद्यार्थियों से कहा कि सफलता के लिए संकल्पित होकर लक्ष्य तय कर परिश्रम आवश्यक है। परीक्षा में उत्साह से भरे रहें पर तनाव न पालें। मुख्यमंत्री चौहान ने कोरोना काल की कठिन परिस्तिथियों में शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन प्रक्रिया से निरन्तर विद्यार्थियों की शैक्षिणक कठिनाइयों को दूर करने के प्रयासों की सराहना की।
27 प्रकार की छात्रवृत्तियों का वितरण
समेकित छात्रवृत्ति योजना में पाँच विभागों की 27 प्रकार की छात्रवृत्तियों की 326 करोड़ 25 लाख से अधिक की राशि 13 लाख 80 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं के खाते में सिंगल क्लिक के माध्यम से अंतरित की गई। इसमें स्कूल शिक्षा विभाग के 1 लाख 30 हजार 628 विद्यार्थी, अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के 4 लाख 78 हजार 825, जनजातीय कार्य विभाग के 4 लाख 32 हजार 484, विमुक्त, घुम्मकड़ एवं अर्धघुम्मकड़ जनजातीय कल्याण विभाग के 2 हजार 896 और पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अंतर्गत 3 लाख 35 हजार 413 विद्यार्थियों के खाते में छात्रवृत्ति की राशि अंतरित की गई।
प्रथम पंक्ति में आना है तो मेहनत करें होगी – मुख्यमंत्री चौहान का विद्यार्थियों से संवाद
मुख्यमंत्री चौहान ने राज्य स्तरीय वर्चुअल कार्यक्रम में जिलों से सम्मलित हो रहे छात्र-छात्राओं से वर्चुअल संवाद भी किया। झाबुआ के पीपल कोटा गाँव की कुमारी रीना ने कहा कि वह डॉक्टर बन समाज-सेवा करना चाहती हैं।, मुख्यमंत्री चौहान द्वारा कोरोना काल के अनुभवों के बारे में पूछने पर कटनी के ओमप्रकाश ने बताया कि वह एनडीए की तैयारी कर सेना में जाना चाहते है। बालाघाट की कुमारी करीना ने संस्कृत श्लोक के माध्यम से लक्ष्य प्राप्ति के लिए अपना संकल्प बताते हुए कहा कि परिश्रम करने से ही कार्य सिद्ध होते हैं, मात्र इच्छा से नहीं। वह सिविल सर्विस को अपना कैरियर बनाना चाहती है। मुख्यमंत्री चौहान ने कुमारी करीना से कहा कि प्रथम पंक्ति में आना है तो मेहनत करनी होगी। शिवपुरी के आकाश शिवहरे, दमोह के अर्जुन मुंडा और संजना गोंड से भी मुख्यमंत्री चौहान ने बात-चीत की। कार्यक्रम में प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती रश्मि अरूण शमी, प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य तथा अनुसूचित जनजाति कल्याण श्रीमती पल्लवी जैन गोविल और आयुक्त लोक शिक्षण श्रीमती जयकियावत उपस्थित थी।