वॉशिंगटन… अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनके पूर्ववर्ती जॉर्ज बुश ने अपने देश के वर्तमान राजनीतिक हालात पर चिंता जाहिर की है। दोनों पूर्व राष्ट्रपतियों ने अमेरिका में लोगों से ‘विभाजन’ व ‘पूर्वाग्रह’ की राजनीति को खारिज करने की अपील की है। इस अपील को अमेरिका के वर्तमान राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को लगाई गई एक अप्रत्यक्ष फटकार के रूप में देखा जा रहा है।
अलग-अलग जगहों और कार्यक्रमों में ओबामा और बुश ने यह चेतावनी दी, ‘अमेरिका अतीत की उन नफरतों के बीच पिस रहा है जिन्हें काफी पहले इतिहास में दफन हो जाना चाहिए था।’ उन्होंने सामान्य उद्देश्य के माध्यम से आर्थिक चिंताओं को दूर करने की वकालत की। दोनों नेताओं ने सीधे तौर पर ट्रंप का नाम नहीं लिया लेकिन उनकी बातों से यह संदेह नहीं रहा कि उनके निशाने पर कौन है।
न्यू यॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, वाइट हाउस छोड़ने के बाद पहली बार किसी अभियान में शामिल हुए ओबामा ने गुरुवार को न्यूजर्सी में गवर्नर पद के लिए डेमोक्रेट उम्मीदवार फिल मर्फी के समर्थन में एक रैली को संबोधित किया। ओबामा ने कहा, ‘अभी जो राजनीति हम देख रहे हैं, उसे हमें लगता था कि बहुत पहले छोड़ चुके हैं। वह व्यक्ति 50 साल पीछे देख रहा है। यह 21वीं सदी है, 19वीं नहीं। हम विभाजन और भय की राजनीति को खारिज करते हैं। हम वैसी राजनीति का आलिंगन करते हैं, जो कहती है कि हर किसी का महत्व है, हर किसी को अवसर मिलना चाहिए, हर किसी का सम्मान किया जाना चाहिए, जो राजनीति है उम्मीदों की।’
इससे पहले न्यू यॉर्क में पूर्व राष्ट्रपति बुश ने अपने एक भाषण के दौरान लोगों को अमेरिकी लोकतंत्र और सामाजिक ताने-बाने के क्षीण पड़ने के आसन्न खतरे के प्रति आगाह किया। बुश ने कहा, ‘षडयंत्र की कहानियों और मनगढ़ंत बातों को तूल देकर राजनीतिक व्यवस्था को दूषित किया गया है और राष्ट्रवाद को तोड़मरोड़ कर इसे स्थयी रूप से बसे लोगों का देशज रूप दिया जा रहा है।’
बुश के मुताबिक, अमेरिकी समाज में कट्टरपन को हवा दी जा रही है। उन्होंने कहा कि हमारी राजनीति साजिश की कहानियों व झूठी बातों का शिकार हो रही है। उन्होंने कहा कि ऐसे संकेत मिल रहे हैं, खासकर युवाओं में, जिससे पता चलता है कि लोकतंत्र के प्रति गहन भावना कमजोर हुई है और हमारी बातचीत के लहजे में गिरावट आई है।
न्यू यॉर्क टाइम्स की खबर के मुताबिक ट्रंप जहां व्यापार के प्रति संरक्षणवाद की वकालत करते हैं और नए बाहरी लोगों को आने से रोकते हैं वहीं बुश प्रवासियों के पक्ष में बात करते हैं और मुक्त व्यापार की वकालत करते हैं। साथ ही, राष्ट्रवाद व पक्षपात की मौजूदा नीति की आलोचना करते हैं। बुश के मुताबिक ऐसा लगता है कि हमें जोड़ने वाली ताकत क्षीण पड़ गई है और तोड़ने वाली ताकत बलवती हो चली है। हम अपनी वह विविधता व गतिशीलता भूल चुके हैं, जो प्रवासी अपने साथ लाते थे। हमारा राष्ट्रवाद महज देशीय होने तक सीमित रह गया है।
बुश ने कहा कि मुक्त बाजार और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में जो हमारा विश्वास था, वह क्षीण होने लगा है। हम दुनिया से अलग-थलग रहने वाले मनोभावों से प्रेरित होने लगे हैं और इस बात को भूल चुके हैं कि अराजकता और अन्य जगहों पर व्याप्त हताशा से अमेरिका की सुरक्षा को खतरा रहता है। पिछले साल अपने चुनाव से पहले ट्रंप ने ओबामा और बुश दोनों की कड़ी आलोचना की थी और दोनों को अमेरिका के इतिहास में सबसे खराब राष्ट्रपति करार दिया था। ओबामा का संबंध डेमोक्रैटिक पार्टी से है जबकि बुश का रिपब्लिकन से, जिससे खुद ट्रंप संबद्ध हैं।