भोपाल। कोरोना का संक्रमण भले ही प्रदेश में धीरे-धीरे कम हो रहा हो, लेकिन ब्लैक फंगस अब लोगों के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। इस बीमारी ने प्रदेश में अब तक 1 हजार 345 लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है। हालांकि राहत की बात यह है कि 123 मरीज इस बीमारी से स्वस्थ भी हो चुके हैं। अब वर्तमान में इस बीमारी से एक्टिव मरीजों की संख्या 1168 है।
607 मरीजों को स्टेरॉयड्स दिने जाने की पुष्टि
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक म्यूकोरमाइकोसिस के 8 मरीजों की मौतें 24 घंटे के भीतर हुई है। अब तक मिले कुल 1345 मरीजों में से 45 फीसदी मरीज यानी 607 मरीजों को पहले स्टेरॉयड्स दिए जाने की पुष्टि हुई है, जबकि 47 प्रतिशत मरीज डायबिटीज के शिकार हैं।
प्रायवेट अस्पतालों को हर रोज चाहिए 580 इंजेक्शन
वहीं शहर में रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत जैसे-तैसे कम हुई तो शहर के प्रायवेट अस्पतालों में भर्ती करीब 150 ब्लैक फंगस के मरीजों के सामने नया संकट है। करीब एक महीना बीत जाने के बावजूद ब्लैक फंगस के लिए जरूरी लाइपोसेमल एम्फोटेरेसिन-बी इंजेक्शन उन्हें नहीं मिल पा रहे हैं। डॉक्टर्स के मुताबिक ब्लैक फंगस के एक मरीज को दिन में चार डोज लगती है। इस हिसाब से निजी अस्पतालों के 150 मरीजों को 580 डोज रोज चाहिए।
अन्य महानगरों व राज्यों से इंजेक्शन जुटाने में जुटे परिजन
ऐसे हालातों को देखते हुए एम्फोटेरेसिन-बी इंजेक्शन की डिमांड काफी ज्यादा बढ़ गई है। राजधानी समेत प्रदेश में इस इंजेक्शन की कमी के चलते मरीज के परिजन काफी परेशान हैं और अन्य महानगरों व राज्यों से इंजेक्शन लाकर अपने मरीज की जान बचाने में जुटे हुए हैं।