भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में आनंद विभाग के गठन की मंजूरी दी गई। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक ये विभाग आनंद के विषय पर एक ज्ञान संसाधन केंद्र के रूप में काम करेगा। इसके साथ ही आनंद विभाग के अंतर्गत राज्य आनंद संस्थान भी गठित होगा। यह देश में अपने तरह की अनूठी पहल है।
राज्य सरकार ने इस विभाग के गठन के निर्णय के पहले संयुक्त राष्ट्र संघ के साथ ही भूटान और अमेरिका के अंतर्राष्ट्रीय प्रबंध संस्थान द्वारा नागरिकों के आनंद की स्थिति के आकलन के लिए अपनाए गए पैमानों का पर्याप्त अध्ययन किया है। नया बनने वाला आनंद विभाग आनंद एवं कुशलता को मापने के पैमानों की पहचान और उन्हें परिभाषित करने का काम करेगा।
राज्य में आनंद का प्रसार बढ़ाने की दिशा में विभिन्न विभागों के बीच समन्वय के लिए दिशा-निर्देश तैयार करेगा। विभाग, आनंद की अवधारणा का नियोजन, नीति निर्धारण और क्रियान्वयन की प्रक्रिया को मुख्य धारा में लाने का काम भी करेगा। आनंद की अनुभूति के लिए एक्शन-प्लान और गतिविधियों का निर्धारण भी होगा।निरंतर अंतराल पर मापदंडों पर राज्य के नागरिकों की मन:स्थिति का आकलन करेगा।
आनंद की स्थिति पर सर्वेक्षण रिपोर्ट तैयार कर प्रकाशित करने का काम भी करेगा। आनंद के प्रसार के माध्यमों और उनके आकलन के मापदंडों में सुधार के लिए लगातार अनुसंधान किया जायेगा। विभाग के प्रस्तावित सेट-अप में एक अध्यक्ष, एक मुख्य कार्यकारी, एक निदेशक- अनुसंधान, एक निदेशक-समन्वयन, एक लेखाधिकारी, चार अनुसंधान सहायक, 6 कनिष्ठ सहायक और 5 भृत्य के पद शामिल किए गए हैं।इस पर कुल 3 करोड़ 60 लाख 80 हजार रुपए का बजट प्रस्तावित है। मंत्रि-परिषद ने उज्जैन सिंहस्थ महाकुंभ-2016 में सुरक्षा व्यवस्था में लगाए गए अधिकारी- कर्मचारी को सिंहस्थ ज्योति के नाम से मेडल (डिस्क) देने की मंजूरी भी प्रदान की।