भोपाल। मध्यप्रदेश में सरकार बदल गई, लेकिन प्रदेश में किसानों की आत्महत्याओं का सिलसिला आज भी जारी है| सरकार के कर्जमाफी के पहले बड़े फैसले के बाद लगातार दुसरे दिन एक और किसान ने ख़ुदकुशी कर ली| खंडवा के बाद शाजापुर जिले में एक किसान ने जहरीला पदार्थ खाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली|
कर्जमाफी की घोषणा के बाद ऐसा माना जा रहा था कि किसानों को इससे राहत मिलेगी| लेकिन हकीकत इसके अलग ही समझ आती है| क्यूंकि कई किसान कर्जमाफी के दायरे में भी नहीं है| शाजापुर जिले के किसान नारायण रघुवंशी ने सोमवार को जहरीला पदार्थ खा लिया| जैसे ही यह खबर परिवार को मिली, उन्हें तुरंत भोपाल के तृप्ति अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने किसान को मृत घोषित कर दिया गया| मृतक किसान के रिश्तेदारों का कहना है कि नारायण ने ICIC बैंक से अपनी जमीन गिरवी रखकर 3 लाख का कर्ज लिया था। उसे बैंक को किस्त जमा करनी थी| बैंक की किस्त जमा नहीं कर पाने के दबाव में किसान प्रेम नारायण रघुवंशी ने जहरीला पदार्थ खा लिया।
इससे पहले खंडवा के पंधाना में भी कर्ज से परेशान एक किसान ने जान दे दी| पंधाना के ग्राम अस्तरीया में जुवान सिंह/ पिता गुलाब सिंह उम्र 45 वर्ष आदिवासी ने अपने खेत पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | बताया जा रहा है कि उसने बैंक से लगभग तीन लाख कर्ज लिया था, जहां एक ओर बैंक का 3लाख का कर्जा था वहीं दूसरी ओर आमदनी का जरिया जो खेती थी उसका बोर भी सूख गया था जिसके चलते फसल पूरी बर्बाद हो चुकी थी। सुबह जब ग्रामीण अपने खेतों में गए तब पेड़ पर रस्सी के जरिये फाँसी पर जुबान सिंह का शव लटका मिला| मौके से कोई.सुसाइड नोट मिला | वहीं पंधाना की तहसीलदार राधा महंत के अनुसार मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. उसकी पावती से पता चला कि उसने स्टेट बैंक से लोन लिया था जिसमें 322000 और ₹220000 का लोन लेना बताया जा रहा है किसान ने किन कारणों से यह कदम उठाया इसकी जांच जारी है|