इन्दौर। तीन दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के तीसरे दिन आज यहाँ तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा की उपस्थिति में तकनीकी शिक्षा और कौशल उन्नयन के क्षेत्र में 16 से अधिक कम्पनियों एवं शिक्षा संस्थानों द्वारा मध्यप्रदेश शासन के साथ एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित किये गये। इनके माध्यम से आने वाले समय में प्रदेश में ब्लाक स्तर पर 406 स्किल डेवलपमेंट सेंटर, 39 आई.टी.आई. और 7 उच्च स्तरीय आई.टी.आई.खोले जायेंगे। इनमें एक लाख 92 हजार से अधिक युवाओं को अलग-अलग क्षेत्रों में प्रशिक्षित किया जायेगा।
मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में मध्यप्रदेश में उल्लेखनीय कार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण की शिक्षा-स्थली और कालिदास की रचना-स्थली उज्जैन को अब नॉलेज सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। नॉलेज सिटी में विभिन्न कम्पनियों एवं संस्थानों द्वारा शिक्षा केन्द्र स्थापित किये जायेंगे जिससे पूरे देश ही नहीं विश्व में इंदौर और उज्जैन को एजुकेशन हब के रूप में पहचाना जायेगा। श्री शर्मा ने कहा कि पहले आई.टी.आई. उतनी उन्नत नहीं थी, किंतु वर्तमान में रोजगार आधारित और समाज की मांग को देखते हुए नये-नये विषयों में युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिये दक्षता विकास केन्द्रों को ब्लाक लेवल पर स्थापित किया जा रहा है। आने वाले समय में 10 से 20 गाँवों के क्लस्टर बनाकर एसडीसी खोले जायेंगे, जिनमें युवाओं को प्रशिक्षण दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि युवा अपने परंपरागत रोजगार क्षेत्र में प्रशिक्षित होकर प्रमाण-पत्र प्राप्त करेंगे। श्री शर्मा ने कहा कि विश्व बैंक द्वारा कम ब्याज दर पर स्वीकृत किए जा रहे 1000 करोड़ के ऋण से प्रदेश के उच्च शिक्षा संस्थानों को और बेहतर बनाया जायेगा।
श्री शर्मा ने कहा कि आने वाले समय में प्रदेश में तकनीकी और चिकित्सा शिक्षा को हिन्दी माध्यम से पढ़ाये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि भोपाल में हिन्दी विश्वविद्यालय और उज्जैन में संस्कृत विश्वविद्यालय खोला गया है। श्री शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार चाहती है कि मातृ भाषा में शिक्षा को प्रोत्साहित किया जाय। उन्होंने बताया कि विश्व के विकसित देशों विशेषकर फ्रांस, चीन, जापान की तरक्की उनकी मातृ भाषा के कारण है। श्री शर्मा ने कहा कि हमें भी अपनी मातृ भाषा को शिरोधार्य कर विश्व में अलग पहचान बनानी चाहिये।
अपर मुख्य सचिव श्रीमती अजिता वाजपेयी पाण्डे ने तकनीकी शिक्षा विभाग की योजनाओं एवं नीतियों के संबंध में सभी निवेशकर्ताओं को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में आने वाले समय में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश होना है। निवेश में उद्योग-धंधे, निर्माण क्षेत्र, उद्यानिकी, कृषि, ऊर्जा, कपड़ा उद्योग आदि क्षेत्रों में प्रशिक्षित लोगों की आवश्यकता होगी। यह प्रशिक्षित लोग आई.टी.आई. से ही निकलेंगे। वर्तमान में 100 से अधिक स्किल डेवलपमेंट सेंटर कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि राज्य शासन ने निजी कम्पनियों एवं संस्थानों के लिये भी इस क्षेत्र के द्वार खोले हैं। आई.टी.आई. से प्रशिक्षित लोग स्वयं के व्यवसाय शुरू करने के साथ कम्पनियों में भी रोजगार प्राप्त कर सकेंगे।