भोपाल। सरकार अब प्रदेश के हर जिले से एक-एक सेकंड की बिजली कटौती का हिसाब ले रही है। जिन इलाकों में तूफान के कारण बिजली के खंबे गिर गए हों या ट्रिपिंग-मेंटेनेंस के कारण बंद की गई हो, उनसे भी रोजाना रिपोर्ट ली जा रही है। हर संभागीय मुख्यालय से विकास खंड स्तर तक कितनी बार बिजली गई, किन कारणों से गई, औसत बिजली गुल होने का समय क्या रहा, ऐसे सारे विवरण के साथ रोजाना रिपोर्ट तलब की जा रही है।

मुख्यमंत्री कमलनाथ के विधानसभा क्षेत्र छिंदवाड़ा में बीते दिन सात बार बिजली गुल हुई। इस दौरान कुल 38 सेकंड बिजली नहीं रही। औसतन एक बार में पांच सेकंड के लिए बिजली आपूर्ति बंद हुई। बिजली गुल होने का कारण ट्रिपिंग को बताया गया।

मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह जिले छिंदवाड़ा में बिजली सप्लाई के हालात लगभग सामान्य जैसे हैं। सोमवार को मोहखेड़ा विकासखंड में एक बार बिजली गई और 45 सेकंड में आ गई। जुन्नारदेव में पांच बार औसतन 27 सेकंड, परासिया में तीन बार 29-29 सेकंड, अमरवाड़ा में एक बार 23 सेकंड, हर्रई में एक बार एक मिनट 36 सेकंड, चौरई में तीन बार दो मिनट 51 सेकंड के लिए बिजली गई। सौंसर में सिर्फ एक बार 45 सेकंड, बिछुआ में छह बार बिजली सप्लाई बंद हुई व 6 मिनट तीन सेकंड के लिए अंधेरा रहा।

सिवनी जिला मुख्यालय में बीते दिन दो बार बिजली गई। इस दौरान सवा घंटा अंधेरा छाया रहा। वहीं जिले का कुरई ब्लॉक डेढ़ घंटे अंधकार में रहा। जबलपुर जिले के सिहोरा ब्लॉक में बारबार बिजली सप्लाई बंद हुई। यहां तीन घंटे 20 मिनट आपूर्ति बाधित रही। पाटन में भी सवा तीन घंटे लाइट नहीं रही।

प्रदेश में जगह-जगह हो रहे आंदोलन के कारण बिजली कंपनियों ने प्री-मानसून मेंटेनेंस भी अब तक नहीं किया है। आशंका है कि बारिश में आम लोगों को आंधी-तूफान के दौरान इसका खामियाजा उठाना पड़ेगा। बिजली कंपनी इंतजार कर रही हैं कि तापमान में गिरावट आए तो व्यापक स्तर पर मेंटेनेंस किया जाए। ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव आईसीपी केसरी ने कहा कि सुबह छह बजे से नियोजित शटडाउन कर मेंटेनेंस किया जाए, ताकि आम आदमी को दोपहर तक निर्बाध गति से बिजली मिलने लगे।

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