इंदौर। मध्यप्रदेश की संस्कारधानी इंदौर में संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी की 5 दिवसीय बैठक में शामिल होने आए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार शाम चमेली देवी पार्क कॉलोनी में श्रीमती शांतादेवी रामकृष्ण विजयवर्गीय न्यास का लोकार्पण किया। एक करोड रुपए की लागत से विजयवर्गीय परिवार द्वारा शुरू किए गए इस न्यास का उद्देश्य निर्धन बच्चों की शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में काम करना है। इस मौके पर उन्होंने कहा -जीवन में देने का महत्व है, मैं दे रहा हूं। उन्होंने कहा कि यह न्यास एक करोड रुपए से शुरू किया गया है। यदि कोई हिसाब-किताब करे तो वह यह सोच सकता है कि यह कितने दिन चलेगा, लेकिन मेरा मानना है कि यह तब तक पूर्ति करता रहेगा, जब तक इसकी आवश्यकता होगी। जितनी आवश्यकता होगी, उतना आएगा।
भागवत बोले कि, इतिहास के उतार-चढाव को पार कर समाज चलता है। अपना समाज भी ऐसा ही है। ऐसे सब उतार-चढाव में हम चल रहे हैं। मुझे लगता है कि एकमात्र हिंदू समाज ऐसा समाज है जो पांच हजार वर्ष पूर्व जैसा था, वैसा ही आज भी है। मूल्यों का आचरण जैसा तब होता था, वैसा आज भी है। बाकी देशों के नाम हैं, लेकिन वहां जीवन नहीं है। इसलिए इकबाल ने कहा – यूनान, मिश्र, रोम सब मिट गए, यहां कुछ बात है, हस्ती मिटती नहीं है हमारी। वह कुछ बात हमारा धर्म है। धर्म मतलब संप्रदाय से नहीं है। बल्कि, समाज जिन तत्वों के कारण जुडता है। व्यक्ति सबके लिए जीते हैं और सब मिलकर व्यक्ति को जिंदगी देते हैं। भागवत ने कहा कि, मैं जब नागपुर में प्रचारक था, तब रामकृष्ण विजयवर्गीय मध्यभारत के संघचालक थे और बैठकों में आते हैं। यहां आते ही मैं उन्हें याद दिला रहा था। इतना आशीर्वाद हम लेते हैं। यह बहुत सीनियर हैं।
संघ प्रमुख मोहन भागवत गुरुवार शाम पौने 6 बजे के करीब साउथ तुकोगंज नाथ मंदिर परिसर में बने निजानंदी ताई भक्त निवास का लोकार्पण करने पहुंचे। ये धर्मशाला देश विदेश से आने वाले नाथ संप्रदाय के भक्तों के ठहरने के लिए बनाई गई है।