ग्वालियर। सूबे में पहली दफा 28 सीटों पर थोकबंद उपचुनाव होने जा रहे हैं। इनमें ग्वालियर की 16 सीटें इसलिए महत्वपूर्ण हैं कि 2018 में इन्हीं सीटों पर जीत काबिज कर कांग्रेस सत्ता में लौटी थी और इन्हीं 16 सीटों के सिंधिया समर्थक विधायकों के दल बदलकर कर भाजपा में जाने से कांग्रेस को सत्ता गंवाना पड़ी। इन सोलह सीटों पर कांग्रेस और भाजपा के दिग्गजों ने जिस तरह जोर लगाया है, वह पहली बार देखने को मिला। ये सोलह सीटें जहां सूबे की सरकार का भविष्य तय करेंगी, वहीं इस अंचल के दो बड़े दिग्गजों ज्योतिरादित्य सिंधिया व केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर व भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा की भी अग्नि परीक्षा का सबब बनेगी।

वही चुनाव ड्यूटी पर जाने से पहले एमएलबी केन्द्र पर कर्मचारियों ने आज डाक मत पत्र के जरिए मतदान किया।ज्योतिरादित्य सिंधिया, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर एवं वीडी शर्मा ने सभी सोलह सीटों पर पूरे दम-खम से प्रचार किया है। ऐसे में मतदान प्रतिशत व नतीजों को लेकर लोगों की खुटकी लगी हुई है। कल 3 नवंबर को जब मतदाता वोट डालने निकलेंगे तो शाम तक तस्वीर का अक्स निखरकर सामने आ जाएगा। सिंधिया, तोमर व शर्मा ने जिन इलाकों में सभाएं, रोड शो किए हैं। वहां के नतीजे क्याहोंगेयहजानने के लिए सभी उत्सुक हैं।

हालांकि अंचलकीसभी सोलह सीटों पर कड़ा मुकाबला है।राजनीति के जानकार भी यह कहने की स्थिति में नहीं है कि कहां से कौन जीतेगा। सभी सोलह सीटों पर कश्मकश व कांटे की टक्कर है। अधिकांश सीटों पर भाजपा व कांग्रेस केबीच सीधा मुकाबला है, हालांकि कुछ सीटों पर बसपा त्रिकोणीय मुकाबला बना रही है। खासकर मुरैनाजिले की मुरैना वजौरा सीट पर बसपा मुकाबले में देखी जा रही है। तीसरे मोर्चे के बाकी दलों काकोई अस्तित्व यहां देखने को नहीं मिल रहा है।

अंतिम दौर में रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री ने ग्वालियर – मुरैना में ताबड़तोड़ रोड शो व सभों कर मुकाबले को और रोचक बना दिया है, अबकल मतदान का इंतजार कर रहे हैं।

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