अमेरिका और जापान के राजनयिक उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम को लेकर तनाव कम करने के लिए उस पर दबाव बढ़ाने पर सहमत हो गए हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर कूटनीति विफल हो जाती है तो सबसे खराब स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए.

अमेरिका के विदेश उपमंत्री जॉन सुलिवान ने जापान के अपने समकक्ष शिन्सुक सुगियामा से मुलाकात के बाद कहा कि इस समस्या को हल करने के लिए विदेश विभाग का ध्यान कूटनीति पर है. उन्होंने कहा, ‘अगर कूटनीति विफल हो जाती है तो जापान और दक्षिण कोरिया तथा अन्यत्र कहीं भी हमारे सहयोगियों को सबसे खराब स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए.’

सुगियामा ने सभी विकल्प तैयार रखने के उद्देश्य से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीति के लिए जापान के समर्थन को दोहराया. साथ ही चीन और रूस के साथ सहयोग के जरिए कूटनीतिक समाधान की जरुरत पर भी जोर दिया. दोनों राजनयिक उत्तर कोरिया पर आगे की बातचीत के लिए सोल में अपने दक्षिण कोरियाई समकक्ष से मुलाकात करेंगे.

उत्तर कोरिया लगातार कर रहा मिसाइल परीक्षण

उत्तर कोरिया ने अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र समेत दुनिया के देशों की चेतावनी को दरकिनार करते हुए फिर से बैलिस्टिक मिसाइल दागा. यह मिसाइल जापान के ऊपर से गुजरी और प्रशांत महासागर में जा गिरी. दक्षिण कोरिया और जापान ने इसकी जानकारी दी थी.

दक्षिण कोरिया और अमेरिकी सेना ने किया नौसैनिक अभ्यास

हाल ही में दक्षिण कोरिया और अमेरिकी सेना ने आज से पांच दिवसीय नौसैनिक अभ्यास शुरू किया. ऐसा उत्तर कोरिया के द्वारा अमेरिकी सीमा के अंदर गुआम क्षेत्र में मिसाइलें दागने की ताजा धमकियों के बीच किया गया.

बता दें कि मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 18 अक्टूबर को उत्तर कोरियाई तानाशाह परमाणु लैस मिसाइल टेस्ट करने वाला है, फिर जंग हो सकती है. जापान, साउथ कोरिया पहले ही आशंका जता चुके हैं.

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