भोपाल ! उत्तराखंड में भारी बारिश व भूस्खलन से हुई तबाही में मध्य प्रदेश के 32 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 683 लोग अब भी लापता हैं। राहत एवं बचाव अभियान के दौरान अब तक राज्य के 2,652 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। यह ब्यौरा शुक्रवार को मध्य प्रदेश और केंद्र सरकार की ओर से जबलपुर उच्च न्यायालय में पेश किया गया। मध्य प्रदेश के महाधिवक्ता आर. डी. जैन ने राज्य सरकार की ओर से रिपोर्ट पेश करते हुए उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के. के. लाहोटी और न्यायाधीश सुभाष काकड़े की पीठ को बताया कि प्रदेश से 4,374 लोग उत्तराखंड गए थे, जिनमें से 2,652 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है।
उन्होंने बताया कि राज्य के 1,114 लोगों को ढूंढ लिया गया है। उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए बचाव अभियान चलाया जा रहा है। उत्तराखंड गए मध्य प्रदेश के लोगों में से 32 की मौत हो चुकी है, जबकि 683 लोग अब भी लापता हैं। संस्कृति मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के नेतृत्व में राहत एवं बचाव कार्य चलाया जा रहा है। राहत एवं बचाव कार्य में तीन-तीन आईएएस व आईपीएस अधिकारी सहित 50 लोगों का दल लगा हुआ है।
प्रदेश सरकार ने बचाव दल को पर्याप्त चिकित्सा व खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई है। प्रदेश के तीन हेलीकॉप्टर सेना के नेतृत्व में लगे हुए हैं। लोगों को वापस लाने के लिए एक बोइंग व 20 बसों की व्यवस्था की गई है।
वहीं, सहायक महाधिवक्ता राशिद हुसैन सिद्दीकी ने न्यायमूर्ति के. के. लाहोटी और न्यायमूर्ति सुभाष काकड़े की पीठ के समक्ष केंद्र सरकार की ओर से रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि सेना के नेतृत्व में चलाए जा रहे बचाव अभियान के तहत लोगों को बचाने के लिए हेलीकॉप्टरों ने 1,500 से अधिक उड़ानें भरी हैं। प्रधानमंत्री ने त्रासदी से पीड़ित लोगों की मदद के लिए 1,000 करोड़ रुपये का अनुदान तत्काल जारी कर दिया था। राहत कार्यो के लिए अन्य राज्यों से 145 करोड़ रुपये भी प्राप्त हुए हैं।
ब्यौरे में बताया गया है कि भोजन के लिए 2,000 टन गेहूं व चावल भेजा गया है। रोजाना 20 हजार व्यक्तियों के भोजन की व्यवस्था की जा रही है। सेना, अर्ध सैनिक बल व राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के 13,000 से अधिक लोग राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हुए हैं।
आंकड़े जानने के बाद पीठ ने केंद्र सरकार को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से किए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यो की रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए। पीठ ने राज्य सरकार को भी प्रगति रिपोर्ट पेश करने के आदेश जारी किए हैं। याचिका पर अगली सुनवाई आठ जुलाई को होगी।