भोपाल ! मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने उम्मीद जताई है कि उज्जैन में हो रहे सिंहस्थ से सांस्कृतिक वैभव देश और दुनिया में उभरेगा और यह महाकुंभ दुनिया की समस्याओं के समाधान के लिए नये संदेश देने में सफल होगा। श्री चौहान आज अपने निवास पर पत्रकारों से बातचीत रहे थे। उन्होंने बताया कि धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि के साथ-साथ विकास कार्यों और सुरक्षा की दृष्टि से उज्जैन शहर और आसपास के क्षेत्र इस विशाल महाकुंभ के लिए पूरी तरह तैयार हैं। कल शुक्रवार को होने वाले सिंहस्थ के पहले शाही स्नान के लिए सभी व्यवस्थाएं चाकचौबंद कर दीं गईं हैं। प्रतिदिन 3 से 5 लाख लोग उज्जैन आ रहे हैं। उन्होंने बताया राज्य सरकार ने इस बार सिंहस्थ के मद्देनजर करीब साढ़े तीन हजार करोड़ के निर्माण कार्य कराए हैं। उन्होंने बताया कि सिंहस्थ के दौरान इस 12, 13, 14 मई को यह आयोजन उज्जैन के निकट ग्राम निनोरा में होगा। जिसका उद्घाटन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत करेंगे। जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 24 मई को समापन सत्र में शामिल होंगे। इस महाकुंभ में कई ज्वंलत विषयों पर चर्चा होगी और आखिरी दिन सिंहस्थ घोषणा पत्र जारी किया जायेगा जिसमें देश और दुनिया के समक्ष मौजूद चुनौतियों व समस्याओं से निपटने के उपाय सुझाये जाएंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि ग्रीन सिंहस्थ बनाने के लिए वन विभाग द्वारा करीब पौने दो लाख पौधों का रोपण किया गया है। श्रद्धालुओं के लिए मेला क्षेत्र में अतिरिक्त वाहनों की व्यवस्था भी की गई है। सुरक्षा की दृष्टि से भी व्यापक इंतजाम किये गये हैं।
चौहान ने एक सवाल के जवाब में बताया कि सिंहस्थ के दौरान होने वाले शाही स्नान के दौरान कोई भी व्हीआईपी नहीं जायेगा। उन्होंने बताया कि यह फैसला इसलिये लिया गया है ताकि सुरक्षा इंतजाम प्रभावित न हों और श्रद्धालु बिना किसी बाधा के शाही स्नान के दौरान पूजा-अर्चना और स्नान कर सकें।
श्रीलंका और नेपाल के राष्ट्रपति भी आएंगे : मुख्यमंत्री ने बताया कि इस बार सिंहस्थ कई दृष्टि से ऐतिहासिक होगा। विदेशी श्रद्धालु भी बड़ी संख्या में सिंहस्थ महाकुंभ में आएंगे। उन्होंने बताया कि श्रीलंका और नेपाल के राष्ट्रपतियों ने भी सिंहस्थ के दौरान आने की स्वीकृति दी है।