होशंगाबाद। आईसीआईसी और एचडीएफसी बैंक के खाताधारक किसानों को ऋण माफी योजना से दूर रखा जा रहा है। मंगलवार को इन दोनों बैंकों के खाताधार किसानों ने कलेक्ट्रेट में हंगामा कर दिया। ऋण माफी योजना का लाभ दिलाने की मांग को लेकर माखननगर के ग्राम सांगाखेड़ा, बीकोर, ढोंढई, मजलपुर आदि गांवों के किसान जब कलेक्ट्रेट पहुंचे तो आवेदन देखते ही कलेक्टर आशीष सक्सेना ने यह कह दिया कि इन दोनों बैंकों को सरकार ने ऋण माफी योजना के तहत नहीं लिया है। इतना सुनते ही किसान आक्रोशित हो गए और कलेक्ट्रेट के मुख्य गेट के सामने ही बैठ गए।
करीब आधे घंटे तक किसान वहां बैठे रहे। इस दौरान किसानों ने नारेबाजी भी की और बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी भी दी। किसानों का कहना था कि सभी बैंकों को जब ऋण माफी योजना के दायरे में रखा गया है तो फिर आईसीआईसीआई और एचडीएफसी बैंक के खाताधारक किसानों को क्यों नजर अंदाज किया जा रहा है।
किसानों के अचानक धरना प्रदर्शन होने की खबर लगने के बाद प्रशासनिक हल्के में हलचल मच गई थी। किसानों के कलेक्ट्रेट के बाहर जमा होते ही टीएल बैठक को भी कुछ देर के लिए रोक दिया गया था। हालांकि कुछ अधिकारियों का कहना था कि लंच टाइम होने के कारण यह बैठक को कुछ देर के लिए रोका गया। दोपहर बाद फिर से बैठक हुई।
सांगाखेड़ा के रामकिशन चौरे व सुरेश सिंह परिहार ने बताया कि बाबई ब्लॉक के कई किसानों ने आईसीआईसी, एचडीएफसी एवं एक अन्य बैंक से कृषि ऋण लिया था, लेकिन वर्तमान सरकार ने घोषणा की है। प्रत्येक किसानों को दो लाख का कर्ज माफ करेंगे, हम लोगों को जानकारी प्राप्त हुई है कि आईसीआईसीआई बैंक व एचडीएफसी बैंक के ऋणों की माफी में इन बैंकों को नहीं जोड़ा जा रहा है जबकि सरकार ने प्रत्येक बैंक के किसानों को ऋण माफी के लिए घोषणा की है। किसानों की मांग थी कि ऋण माफ करने की कार्रवाई शुरु कराई जाए।
किसानों ने बताया कि वे जब ऋण माफी की जानकारी के लिए आईसीआईसीआई व एचडीएफसी बैंक पहुंचे तो वहां के अधिकारियों ने यह कहा कि ऋण माफ नहीं होगा क्योंकि सरकार ने बैंकों को ऋण माफी के दायरे में नहीं लिया। किसानों के मुताबिक दोनों बैंकों के आला अधिकारी कु छ भी बात करने के लिए तैयार भी नहीं हुए। इसके बाद जब कलेक्ट्रेट आए।
ऋण माफी की मांग को लेकर करीब 150 से अधिक कि सान मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे थे। कुछ किसानों ने जैसे ही अपनी बात कलेक्टर को बताने की कोशिश की, तो उसके पहले कृषि उप संचालक जितेंद्र सिंह ने जानकारी लेनी शुरु कर दी। किसानों का कहना था वे अपनी समस्या लेकर कलेक्टर के पास आए हैं। इसी दौरान कृषि उपंसचालक ने किसानों से यह कह दिया कि उनका बैंक ऋण माफ नहीं हो सकता उक्त दोनों बैंकों से संबंधित आदेश नहीं मिले हैं। उपसंचालक ने किसानों को वहां से कलेक्ट्रेट सभाकक्ष से जाने का कह दिया।