इंदौर। शहर में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लाकडाउन की नई गाइड लाइन पर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्‍ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने असंंतोष जाहिर किया है। विजयवर्गीय ने ट्वीट किया है कि आखिर क्या ज़रूरत है एक अलोकतांत्रिक और तानाशाही भरे निर्णय को इंदौर जैसे अनुशासित शहर पर थोपने की, जिस निर्णय की सर्वत्र निंदा हो रही हो उस पर पुनर्विचार होना ही चाहिये प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को मिलकर विचार करना चाहिये।

वहीं इंदौर कलेक्टर ने मनीष सिंह ने संकेत दिए हैं कि एक जून से शहर को जनता कर्फ्यू से मुक्ति मिल सकती है। उनके अनुसार शहर में माइक्रो कंटेन्मेंट झोन बढ़ाए जाएंगे। झोनवार संक्रमण की समीक्षा कर छूट पर फैसला लियाजाएगा। ऐसे क्षेत्र जहां संक्रमण अधिक होगा उस क्षेत्र को बंद करेंगे। कम संक्रमण दर वाले इलाकों में एक जून से बाजार खुल सकते हैं। सब्जी किराना के बाद थोक व्यापार व निर्माण गतिविधियों को छूट दी जा सकती है। अन्‍य जानकारी के अनुसार राधा स्वामी केंद्र में पोस्ट कोविड सेंट बनाया जाएगा। वहां नेजल एंडोस्‍कोपी से ब्‍लैक फंगस की जांच की जाएगी। इस बारे में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कल निर्देश दिए थे।

उल्‍लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण की कड़ी तोड़ने के लिए प्रशासन की जनता कर्फ्यू में सख्ती के तहत किराना, ग्रोसरी की दुकानों और फल-सब्जी की बिक्री पर 28 मई तक पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। इंदौर जिले की सभी थोक और खेरची निजी किराना दुकानें 28 मई तक बंद रहेंगी। चोइथराम और निरंजनपुर फल व सब्जी मंडियाें के अलावा जिले के सभी हाट-बाजार तत्काल प्रभाव से बंद रहेंगे।

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