इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में कोरोना एक बार फिर से कहर बरपा रहा है। शनिवार को भी 107 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। वहीं एक निजी अस्पताल में सेवा दे रहे डॉक्टर शैलेंद्र वर्बे ने दम तोड़ दिया है। इसके साथ ही शहर में 315 लोगों की कोरोना से मौत हो गई है। डॉक्टर वर्बे की अंतिम विदाई के दौरान अस्पताल के कर्मियों ने फूलों की बारिश की।  

दरअसल, तिलक नगर में रहने वाले शैलेंद्र वर्बे विशेष अस्पताल में प्रबंधक थे। परिवार में पत्नी के अलावा एक बेटा और बेटी है। शैलेंद्र के भतीजे मोहित ने बताया कि 15 जुलाई को उनकी तबीयत खराब हुई थी। उसके बाद कोरोना सैंपल लिया गया, जिसमें उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। उन्हें अरविंदो अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। विशेष अस्पताल को येलो श्रेणी में रखा गया था।

आशंका व्यक्त की जा रही है कि कोविड-19 के मरीजों का इलाज कर रहे, वो किसी डॉक्टर के संपर्क में आए होंगे। उसके बाद वो कोरोना की चपेट में आ गए। वे यहां पिछले 20 वर्षों से कार्यरत थे। इस वजह से अस्पताल के स्टॉफ को काफी लगाव था। तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें इलाज के लिए अरबिंदो अस्पताल रेफर कर दिया गया था। तब से वहीं उनका इलाज चल रहा था।

अस्पताल के स्टॉफ और खुद वर्बे भी ये चाहते थे कि वो अपने साथियों के साथ रहें। 31 जुलाई की रात उनकी तबीयत बिगड़ गई और उन्होंने दम तोड़ दिया। फूलों की बारिश से उन्हें अंतिम विदाई दी गई। जब बर्वे की मौत की सूचना मिली तो परिजन बिलख पड़े। अस्पताल के स्टॉफ की आंखों में आंसू थे। शनिवार को जब उनके शव को ले जाया जा रहा था, तो नर्स और अस्पताल कर्मचारियों ने फूलो की वर्षा कर उनहे अंतिम विदाई दी।

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