इंदौर। इंदौर के जेल में दस दिन बिताने के बाद नामदेव दास त्यागी उर्फ कम्प्यूटर बाबा गुरुवार की रात को जमानत पर रिहा हो गए। रिहाई के बाद कंप्यूटर बाबा ने सिर्फ सत्य की जीत की बात कही और उसके आगे कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। कंप्यूटर बाबा पर कई मामले दर्ज हो चुके हैं। उनका इंदौर के गोम्मटगिरी में बने आश्रम को ढहाया जा चुका है। उन्हें गिरफ्तार कर इंदौर के जेल में रखा गया था। दस दिन तक जेल में रहे। 

जमानत मिलने पर गुरुवार की रात को रिहाई हुई। जेल से बाहर निकलने के बाद संवाददाताओं ने उनसे कई सवाल किए, मगर उन्होंने सिर्फ यही कहा कि सत्य की जीत हुई है। राज्य में जब कांग्रेस की कमल नाथ के नेतृत्व में सरकार थी तो कंप्यूटर बाबा को केबिनेट मंत्री का दर्जा था। कांग्रेस के तत्कालीन 22 विधायकों द्वारा विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के साथ भाजपा का दामन थाम लेने से सरकार गिर गई।

उसके बाद भाजपा सत्ता में आई। राज्य में 28 स्थानां पर उप-चुनाव की स्थिति बनी तो कंप्यूटर बाबा ने लोकतंत्र बचाओ यात्रा निकाली थी और सभी क्षेत्रों में जाकर भाजपा के उम्मीदवारों के खिलाफ प्रचार किया था। साथ ही भाजपा पर कई गंभीर आरोप भी लगाए थे। मतदान की तारीख के बाद कंप्यूटर बाबा के खिलाफ मामले दर्ज होने का सिलसिला शुरु हुआ और 9 नवंबर को उन्हें गिरफ्तार कर उनके आश्रम को जमींदोज कर दिया गया।

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