इंदौर। कोरोना संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में पिछले चार दिनों में छह सौ से ज्यादा मामले सामने आने के बाद जिले का स्वास्थ्य महकमा अग्रिम तैयारियों में जुट गया है। महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता संजय दीक्षित ने बढ़ते मामलों पर चिंता जाहिर करते हुए यूनीवार्ता से कहा कि शासन-प्रशासन के साथ नागरिकों के सहयोग से ही हम इससे पहले कोरोना को नियंत्रित करने में सफल रहे थे। उन्होंने नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि मास्क, सेनिटाइजर और सामाजिक दूरी जैसे आवश्यक नियमों का पालन करना जरूरी है। 

दीक्षित ने जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने पर जीनोम सीक्वेसिंग के लिए 100 सैंपल लिए गए हैं। जिन्हे नेशनल सेंटर फॉर डीसीज कंट्रोल भेजे गया है। उन्होंने कहा वहां से रिपोर्ट आने के बाद कोविड 19 के मौजूदा स्ट्रेन के बारे में कुछ पुख्ता कहा जा सकेगा। उन्होंने संक्रमण के दुष्प्रभावों से जुड़े प्रश्न के उत्तर में कहा कि कोरोना संक्रमण को तेजी से फैलना से रोकना बड़ी चुनौती है, लेकिन इसके उपचार में संक्रमण की रोकथाम में हम पहले की अपेक्षा अब ज्यादा मजबूत है। उन्होंने बताया यही कारण है कि हम संक्रमितों की मृत्यु दर को फिलहाल नियंत्रित करने में सफल हो सके हैं। 

कोंटेक्ट ट्रेसिंग प्रभारी और कोरोना कंट्रोल रूम इंचार्ज डॉ अनिल डोंगरे बताते हैं कि एक बार फिर अक्टूबर जैसे हालात बन रहे हैं, जब परिवार के परिवार संक्रमित हो रहे हैं। फिर भी अभी स्थिति नियंत्रित है। परिवार का एक व्यक्ति परिवार को ही संक्रमित कर रहा है। फिलहाल बाहर के लोग संक्रमित नहीं हो रहे हैं। रोज 10-12 परिवार ऐसे आ रहे हैं जो संक्रमित हो रहे हैं। एक परिवार में 3 से 4 लोग हैं। संक्रमित रोगी होम आइसोलेशन का सख्ती से भी पालन नहीं कर रहे हैं। 

डोंगरे ने बताया हमे कई बार सूचना मिलती है कि होम आइसोलेशन में मरीज बाहर घूम रहा है, इसलिए भी कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। वे बताते है कि कोरोना के बढ़ते मामले का एक कारण मौसम परिवर्तन है। यह मौसम परिवर्तन कोविड 19 वायरस के लिए अनुकूल है। वायरस के बदलते मौसम के तापमान में बढ़ने के आसार बढ़ जाते हैं। इसके पहले फरवरी 2020 में भी कोरोना ने पैर पसारे थे जिसका परिणाम मार्च 2020 में दिखा था। जिन क्षेत्रों जैसे महाराष्ट्र, केरल में अभी अचानक से गर्मी बढ़ी है, वहाँ भी कोरोना के मामले बढ़े हैं। 

उन्होंने दावा किया कि कोरोना की कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए उन्हें जिले में पचास से ज्यादा टीमें है, जो पुलिस थाना के भौगोलिक क्षेत्रानुसार कार्यरत है। उधर, कोरोना कंट्रोल के नोडल अधिकारी डॉ अमित मालाकार ने बताया कि वर्तमान में जिले में एक्टिव केस की संख्या 699 है। इन रोगियों में से 218 लक्षण वाले रोगियों को अस्पताल में उपचार किया जा रहा है, जबकि शेष 481 गैर लक्षण वाले संक्रमितों का उपचार ‘होम आइसोलेशन’ में जारी है। 

डॉ मालाकार ने बताया कि कोरोना के लिए पहले जिले के विभिन्न शासकीय अशासकीय अस्पतालों में चार हजार बिस्तर आरक्षित रखे गए थे। जिन्हे संक्रमण के मामले में सतत नियंत्रण में आने के बाद अन्य रोगियों को दिए जाने के लिए स्वतंत्र रख दिया गया था। डॉ मालाकार ने बताया कि सभी अस्पतालों को उनकी कुल बिस्तरों की संख्या का दस फीसदी अब भी कोरोना के लिए आरक्षित रखने का कहा गया है। वर्तमान में हम प्रतिदिन ढाई हजार से ज्यादा संदेहियों की जांचे कर रहे है। उन्होंने दावा किया कि किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए हम पूरी तरह तैयार है।

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