इंदौर । नागपुर महानगर पालिका के करीब 30 प्रतिनिधियों ने मंगलवार को इंदौर की सफाई व्यवस्था देखी। शहर के डोर टू डोर कचरा कलेक्शन सिस्टम, ट्रांसफर स्टेशन और घरों से ही गीला-सूखा कचरा अलग-अलग लेने की प्रक्रिया मेहमानों ने खूब पसंद की। उन्होंने तीनों विशेषताओं की तारीफ की और नागपुर के लिए ये प्रयास अनुकरणीय बताए। सुबह दल एयरपोर्ट से सिटी बस में बैठकर शहर के अलग-अलग हिस्सों में घूमा। दल में राजनीतिक और प्रशासनिक लोग शामिल थे।

नगर निगम की ओर से अपर आयुक्त रोहन सक्सेना, कंसल्टेंट असद वारसी और बेसिक्स संस्था के श्रीगोपाल जगताप ने उन्हें अलग-अलग जगह ले जाकर दौरा कराया। सबसे पहले मेहमान प्रतिनिधि विजय नगर क्षेत्र पहुंचे जहां उन्होंने डोर टू डोर कचरा कलेक्शन सिस्टम देखा। इसके बाद वे स्टार चौराहा स्थित कचरा ट्रांसफर स्टेशन गए और वहां वार्ड से आकर गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग कैप्सूल में भरने का सिस्टम देखा। फिर वे चोइथराम सब्जी मंडी के पास बने बायोमिथनाइजेशन प्लांट गए जहां उन्होंने गीले कचरे से सीएनजी और खाद बनाने की प्रक्रिया समझी।

दशहरा मैदान के पास स्थित बस्ती में वे 8-10 लोगों से मिले और तरह-तरह के सवाल किए। एक पार्षद ने पूछा कि निगम की गाड़ी नहीं आती तो क्या आप कचरा सड़क पर फेंक देते हो। स्थानीय रहवासी महिला ने जवाब दिया कि सड़क पर कचरा फेंकने का सवाल ही नहीं है क्योंकि निगम की गाड़ी रोज कचरा लेने आती है। नागपुर के प्रतिनिधियों ने गीले और सूखा कचरे को लेकर भी सवाल पूछे तो लोग बोले कि वे रोज गीला-सूखा कचरा घरों से ही अलग करके निगम की गाड़ी में देते हैं।

अपर आयुक्त ने इंदौर के सिस्टम को प्रेजेंटेशन के माध्यम से समझाया। नागपुर के प्रतिनिधियों ने अपर आयुक्त को बताया कि हम पूरा शहर घूमे लेकिन कहीं भी उड़ती हुई पन्निायां या कचरा फैला हुआ नहीं दिखा। रात को यह दल नागपुर लौट गया।

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