भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि कोरोना की रोकथाम के लिये लगातार हो रहे प्रयासों से संक्रमण की दर में कमी आयी है। ऐसे ही प्रयास सतत जारी रखने हैं। चौहान ने यहां कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए नियमित हो रही समीक्षा बैठक में कहा कि इन्दौर और भोपाल में अधिक सावधानी बरतने और ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जहां पहले 1800 कोरोना पॉजिटिव केस प्रतिदिन रिपोर्ट हो रहे थे।  

वहीं अब यह संख्या 1500 प्रतिदिन से कम हुयी है। बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान, प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी और आयुक्त जनसंपर्क सुदाम खाड़े भी मौजूद थे। चौहान ने इन्दौर और भोपाल में कोरोना संक्रमण पर प्रभावी रोक लगाने के लिये अधिक सावधानी बरतने और प्रयास करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इन दो जिलों में ही कन्टेनमेंट जोन बनाये गये हैं। इन संक्रमण क्षेत्रों को निर्धारित गाइड लाइन का पालन करते हुये 14 दिन की समयावधि पूर्ण होने के पश्चात ही खोला जाये। इन क्षेत्रों के नागरिक संक्रमण से बचाव के उपायों को कड़ाई से अपनायें।

  चौहान ने निर्देश दिये कि कोरोना कमाण्ड कन्ट्रोल सेन्टर को अधिक सक्षम बनाया जाये। इसके लिये कलेक्टर्स नियमित समीक्षा करें। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुये इन सेन्टर में कार्य करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाये। चौहान ने कहा कि होम आइसोलेशन में रखे गये कोरोना पॉजिटिव मरीजों के स्वास्थ्य के संबंध में सतत रूप से वीडियो काल से बात कर जानकारी ली जाये। वीडियो काल दिन में किसी भी समय किया जाये।  उन्होंने कहा कि सुनिश्चित किया जाये कि होम आइसोलेशन में रखे गये मरीज घर से बाहर नहीं जाएं। आवश्यक होने पर होम आइसोलेट मरीज को तुरन्त अस्पताल पहुंचाकर इलाज किया जाये।  

प्रदेश में कोरोना के कुल मरीजों में 62 प्रतिशत मरीज होम आइसोलेशन में है। चौहान ने निर्देश दिये कि जिलों के प्रभारी अधिकारी सुनिश्चित करें कि यदि किसी जिले में कोई डॉक्टर कोरोना से संक्रमित होता है, तो उसके इलाज की सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। ये हमारे समाज के कोरोना योद्धा हैं। इनका राज्य सरकार पूरा ध्यान रखेगी।  चौहान ने कहा कि लोगों को मास्क का उपयोग करने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करनें तथा बार-बार हाथ धोने जैसे सुरक्षा उपायों के प्रति लगातार जागरुक किया जाये।

  रोको-टोको अभियान के तहत नियमों का पालन नहीं करने वाले लोगों में कोरोना से कैसे बचे, क्या सावधानी बरते आदि कोरोना से संबंधित निबंध लिखवाये जाएं। ऐसे ही नवाचार अपनाकर जागरूकता बढ़ायी जाये। चौहान के निर्देश पर सागर जिला मुख्यालय विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम भेजी गयी थी। इस दल ने सागर में मृत्यु दर अधिक होने की जांच की और बताया कि वहां ऑक्सीजन के साथ वेन्टीलेटर का उपयोग कम हो रहा है। इसलिये आवश्यक होने पर वेन्टीलेटर का उपयोग करने की सलाह दी गयी है।  

फीवर क्लीनिक की सुविधा बढ़ाने के लिये कहा गया है। वेन्टीलेटर के उपयोग के संबंध में भोपाल के विशेषज्ञ चिकित्सकों को सागर के कोर ग्रुप में शामिल चिकित्सकों से बात करने के लिये कहा गया। चौहान ने कहा हर हाल में सागर में कोरोना से मृत्यु दर को राज्य की औसत मृत्यु दर तक लाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जबलपुर, ग्वालियर, रतलाम, विदिशा और धार जिले में पूर्व की तरह सतर्कता निरंतर जारी रखी जाये। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में कोरोना की ‘रिकवरी रेट’ 91.1 प्रतिशत और संक्रमण दर (पॉजिटिविटी रेट) पांच प्रतिशत है। 

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